अयोध्या शहर में लाखों का दांव लग रहा है, लगाने वाले ज्यादातर कंगाल हो रहे हैं और लगवाने वाले मालामाल। सट्टा कारोबार के लिए बाकायदा गली-गली काउंटर सज रहे हैं और मोबाइल टीम सक्रिय है। कारोबारियों से लेकर दांव लगाने वाले ही नहीं आमजन को भी इस गोरखधंधे की पूरी खबर है
कही खुलेआम चल रहा है तो कही सक्रिय मोबाइल टीम
अयोध्या। अयोध्या शहर में लाखों का दांव लग रहा है, लगाने वाले ज्यादातर कंगाल हो रहे हैं और लगवाने वाले मालामाल। सट्टा कारोबार के लिए बाकायदा गली-गली काउंटर सज रहे हैं और मोबाइल टीम सक्रिय है। कारोबारियों से लेकर दांव लगाने वाले ही नहीं आमजन को भी इस गोरखधंधे की पूरी खबर है, बेखबर बस कानून- व्यवस्था और अपराध नियंत्रण का जिम्मा उठाने वाली पुलिस नजर आती है।
संगठित तौर पर चल रहे और गहरे तक जड़ जमा चुके इस सट्टा कारोबार की पड़ताल में बड़ी चौकाऊ जानकारी सामने आई है। पता चला है कि संरक्षण और मिलीभगत के चलते कारोबारी बेख़ौफ़ है और सुबह से रात तक दांव लगवा रहे हैं। बदलते दौर में सट्टे के कारोबारियों की पहली पसंद सेंसेक्स पर सट्टा बनी हुई है, जिसके चलते अब क्रिकेट का बुखार भी युवाओं के सर से उतर गया है। दांव लगाने वाले अब क्रिकेट मैच का स्कोर नहीं बल्कि अपने स्मार्टफोन पर सोमवार से शुक्रवार तक सेंसेक्स से जुड़ी विभिन्न बेबसाइटों पर नजरें गड़ाए नजर आते हैं।
वर्तमान में सुबह 11 बजे के तालिबान, 12 बजे के काप्सी, 1.40 बजे के हैंड्सन, 3.30 बजे के सैक्संग, 9.06 बजे के डेक्स और रात 1.30 बजे के डाईजान के अंकों पर दांव लगा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि दांव लगाने के बाद सट्टा पर्ची दी जाती है और बंदी के निश्चित अंक पर 20 लगाने पर 1800, 25 लगाने पर 2200, 50 लगाने पर 4500, 100 लगाने पर 9000 का भुगतान दिया जाता है। एसपी सिटी मधुबन सिंह का कहना है कि फ़िलहाल मेरे समक्ष इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। अगर ऐसा कुछ हो रहा है तो कार्रवाई कराई जाएगी। कानून के साथ किसी को खिलवाड़ और अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं है।
हजार लगाओ और लाख पाओ
-बदलते तकनीकी दौर में जब सब कारोबार अपना रूप बदल रहे हैं तो इसी पैटर्न पर सट्टा कारोबार भी बदल गया है। ताश की गड्डी और क्रिकेट पर दांव अब चलन के बाहर होता जा रहा है, लोगों को दांव लगाने के लिए तमाम डिजिटल एप और पोर्टल आ गए हैं, वहीं सेंसेक्स पर दांव परवान पर है। प्रत्येक सप्ताह पांच दिन सेंसेक्स पर सट्टे का बाजार गुलजार रहता है।
हजार लगाओ और लाख पाओ की लालच में लोग अपनी खून-पसीने की कमाई गंवा रहे हैं और सट्टा कारोबार चला रहा गिरोह तथा मिलीभगत के चलते संरक्षण देने वाले लोग मालामाल हो रहे हैं। हाल यह हो गया है कि एक जगह सेटिंग होने के बाद कारोबारी अपनी इसी सेटिंग और संबंध का फायदा उठा अन्य जगहों पर भी काउंटर चला रहे है, कइयों ने कॉमन खुद संभाल रखी है और कइयों ने बाकायदा फ्रेंचाइजी दे रखी है।
हाथी-घोड़ा का भी चल रहा दांव
-सेंसेक्स पर सट्टे का बाजार तो परवान पर है लेकिन छोटा दांव हाथी-घोडा पर लग रहा है । कारोबार से जुड़े लोग ही अपने काउंटर तथा मोबाईल टीम के माध्यम से हाथी-घोडा के दांव की भी पर्ची काट रहे हैं। कारोबार के जानकार एक शख्स का कहना है कि इसमें केवल दस और इसके गुणांक की रकम लगाई जाती है और बाकी नियम-शर्त सट्टा खिलाने वाला तय करता है। रकम छोटी होने के चलते इसमें सबसे ज्यादा लोग पैसा लगाते हैं और इसकी बाजी दिनभर में कई बार खेली जाती है।
इन मोहल्लों में चल रहा सट्टा कारोबार
- नगर कोतवाली : चौक लॉयड गेट व आसपास, कंधारी बाजार, गुलाबबाड़ी, कसाबबाड़ा, शिवनगर कालोनी, मोदहा, जीआईसी ओवरब्रिज के नीचे, वजीरगंज गदहा गली, नाका मकबरा अंदर, हैदरगंज, अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन के पास, इमामबाड़ा के निकट, साहबगंज, राठवेली, विधायक बबलू सिंह की गली, देवकाली पंचशील मार्ग ।
- थाना कैंट : रेतिया पण्डारे वीर बाबा का मंदिर, नैपुरा, काशीराम कालोनी, बनवीरपुर, सदर बाजार, सहादतगंज।
- कोतवाली अयोध्या : साकेतपुरी स्थित नर्सिंग होम के निकट, टेढ़ी बाजार रेलवे क्रासिंग के निकट, शंकरगढ़ बाजार, हैबतपुर, मोहबरा बाजार के पास, दर्शननगर में अयोध्या मार्ग पर गेट के बगल आमने-सामने ।