-आठ परिकल्पनाओं के आधार पर हो रहा अयोध्या का विकास, अयोध्या को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बनाने पर चर्चा
कुमारगंज। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में पशुपालन महाविद्यालय के प्रेक्षागृह में उद्यम उन्मुखी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व विद्यालय के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने की तथा प्रजन्टेशन नगर आयुक्त विशाल सिंह ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विवि के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह व अन्य अतिथियों ने जल भरो कार्यक्रम के साथ किया। मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने लिए युवाओं को प्रेरित किया।
नगर आयुक्त विशाल सिंह ने अयोध्या के अंदर 2047 तक होने वाले विकास परियोजना की पृष्ठभूमि को प्रजेंटेशन के माध्यम से सभी के सामने रखा। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि परियोजानाओं का कार्यान्वयन आठ परिकल्पनाओं के आधार पर किया जा रहा है जिससे अयोध्या में विकास की रफ्तार तेजी के साथ जोर पकड़ेगी। इसमें सांस्कृतिक अयोध्या, आयुष्मान अयोध्या, भावनात्मक, सुरम्य, सुगम्य, आधुनिक एवं सक्षम अयोध्या को शामिल किया गया है। नगर आयुक्त ने बताया कि 2047 तक हमारे अयोध्या की तस्वीर पूरी तरह से बदली-बदली नजर आएगी।
शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि के पूर्व अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष व मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि प्रो. ए. पी तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने में हमारा प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है जिसमें कृषि जगत भी शामिल है। उन्होंने युवाओं से अपील किया कि वे कृषि विवि के ज्ञान किसानों के खेतों तक पहुंचाएं और किसानों की समस्याओं को प्रयोगशाला तक पहुंचाने का कार्य करें। प्रो. गरी ने अयोध्या को विश्व की राजधानी बनाने जैसे विविध विषयों को अपने उद्घ्बोधन में रखा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश निवेश का बहुत बड़ा विकल्प बनकर उभरा है।
प्रदेश की 56 प्रतिशत आबादी युवाओं की है जो किसी भी कार्य को संभव करने की क्षमता रखते हैं। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री की दिशा- दृष्टि से युवाओं को अवगत कराया। डा. डी. नियोगी ने सभी का स्वागत एवं कुलपति के सचिव डा. जसवंत सिंह ने सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डा. सीताराम मिश्रा ने किया। इस मौके पर टेक्निकल टीम डा. उमेश चंद्रा, डा. समीर, डा. शशांक सिंह व डा. देवनारायण सहित विवि के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।