-सप्तपुरियों में प्रथम स्थान पर अयोध्या नगरी : रामदास
अवध विवि के एमटीए विभाग में तीन दिवसीय कार्यक्रम का हुआ समापन
अयोध्या। डॉ0राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के श्रीराम शोधपीठ में एम०टी०ए० विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महंत राजकुमार दास व विशिष्ट अतिथि महंत रामदास उपस्थित रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि महन्त राजकुमार ने अपने आर्शीवचन में कहा कि सृष्टि की आदि नगरी अयोध्या है। पर्यटन के विकास साथ-साथ पर्यावरण का भी संरक्षण होना चाहिए।
पर्यटन आज ही नहीं बल्कि आदिकाल से हमारे जीवन से जुड़ा हुआ है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि महन्त रामदास ने कहा कि सप्तपुरियों के प्रथम स्थान मे अयोध्या नगरी आती है और पर्यटन बिना अयोध्या नगरी पूर्ण नहीं है। पर्यटन का विकास तभी सम्मत है जब हम अपनी संस्कृति की विरासत के पर्यावरण को संरक्षित करेंगे। हमें अपनी संस्कृति को संजोने के साथ-साथ धरोहरों, नदियों और मन्दिरों का संरक्षण करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभाग के समन्वयक प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने कहा कि स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। बिना स्वच्छता के जीवन सम्भव नहीं है। पर्यटन और पर्यावरण एक दूसरे के पूरक है। किसी एक अभाव में मानव जीवन सम्भव नहीं है। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि एवं विशिष्ट अतिथि द्वारा निबन्ध प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाण-पत्र वितरित किया। प्रथम पुरस्कार एम०टी०ए० विभाग के छात्र महेशपति मिश्र एवं द्वितीय पुरस्कार ज्योति तिवारी तथा तृतीय पुरस्कार हर्ष श्रीवास्तव को प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मॉ सरस्वती मॉ की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।
अतिथियों का स्वागत विभाग के समन्वयक प्रो0 अजय प्रताप सिंह द्वारा अंगवस्त्रम एवं कनक भवन का छायाचित्र भेटकर किया। संचालन प्रो0 अजय प्रताप सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ० दिलीप कुमार सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उमाशंकर सिंह, प्रो० राजीव गौड प्रो० अनूप कुमार, डॉ० डी०एन० वर्मा, डॉ० साक्षी सिंह, डॉ० सरोज सिंह, डॉ० मो० सादिक, ई० अनुराग सिंह, डॉ० राजेश सिंहसी श्रीवास्तव, दिव्यवत सिंह, सुरेन्द्र यादव, सौरभ मिश्रा, अंशुमान सिंह, शुभम मिश्रा सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।