-इंडिया गठबंधन से सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने हर विधानसभा क्षेत्र में लहराया परचम
अयोध्या। लोकसभा चुनाव 2024 कई मायनों में अन्य चुनाव से अलग रहा। इस बार चुनावी शोर कम तो सन्नाटा अधिक रहा। जिसका सीधा खामियाजा भाजपा प्रत्याशी को उठाना पड़ा। भाजपा प्रत्याशी दो बार के लगातार सांसद लल्लू सिंह प्रतिद्वंद्वी इंडिया गठबंधन से सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद से करीब 54547 वोटों से हार गए। अयोध्या में भाजपा की हार पूरे प्रदेश क्या पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। कारण भी स्पष्ट है कि 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम का भव्य एवं दिव्य मंदिर बना जिससे एक विश्वास पनपा था कि लोकसभा चुनावों में बड़ा फायदा भाजपा को मिलेगा।
लेकिन यहां के सांसद ही नहीं विधायक भी स्थानीय समस्याओं को नजरंदाज करते रहे। जिससे मतदाताओं में नाराजगी बढ़ती रही। 20 मई को छठे चरण में हुए मतदान में अपने मताधिकार से प्रकट कर दिया। 04 जून को जब चुनाव परिणाम आया तो भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को 499002 जबकि सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद के पक्ष में 553549 वहीं बसपा उम्मीदवार सच्चिदानंद के खाते में 46347 वोट तथा भाकपा प्रत्याशी अरविंद सेन को 15353 मत प्राप्त हुए। सीधा मुकाबले में सपा प्रत्याशी ने भाजपा के लल्लू सिंह को 54547 वोटों से पराजित कर विजय का पताका लहराया है।
पोस्टल बैलेट से लेकर अंतिम राउंड तक अवधेश प्रसाद ने बनाई बढ़त
-फैजाबाद लोकसभा सीट की मतगणना कुल 29 राउंड में हुई। पहले पोस्टल बैलेट में 4951 मत प्राप्त हुए। पहले चार राउंड में भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह अधिकतम 500 वोटों से आगे थे लेकिन उसके बाद पांचवें राउंड में सपा के अवधेश प्रसाद 1535 वोटों से आगे निकले तो अंतिम तक बढ़त बरकरार रखी। यह बढ़त जनपद की चार विधानसभा क्षेत्रों अयोध्या, रुदौली,मिल्कीपुर, बीकापुर और बाराबंकी जनपद की दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र में कायम रही। अंततः 54547 वोटों से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को पराजित किया।
फैजाबाद के 1139822 मतदाताओं ने किया था मताधिकार का प्रयोग
-फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में चार विधानसभा क्षेत्र अयोध्या, रुदौली, बीकापुर और मिल्कीपुर तथा बाराबंकी की दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र शामिल है। जनपद की गोसाईगंज विधानसभा क्षेत्र अंबेडकरनगर लोकसभा क्षेत्र में आता है। 59.13 प्रतिशत हुए मतदान के समय किसी को अहसास ही नहीं हो सका था कि राम मंदिर मुद्दा को आस्था का विषय मानते हुए स्थानीय मतदाता बेराजगारी और महंगाई को बड़ी समस्या मानते हुए विरोध में अपना मत दे देगी। जबकि सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद पिछले दो तीन वर्ष से छुट्टा पशुओं से जन और धन की हानि, स्थानीय स्तर पर विकास न होना, फोरलेन और एयरपोर्ट में गई किसानों की जमीनों का उचित मुआवजा न मिलना और भ्रष्टाचार को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। जो सीधे ग्रामीण मतदाताओं के रहे हैं। उसी का पारितोषिक जीत दिलाकर दिया है।
अति विश्वास में रहे भाजपाई, मतदाताओं की सहानुभूति लूटते रहे सपाई
-22 जनवरी को श्रीरामलला के विराजमान होने के बाद अयोध्या ही नहीं पूरा देश राममय हो गया था। अयोध्या में तीन से पांच लाख भक्त पहुंच कर अपने आराध्य का दर्शन करते रहे। पूरी अयोध्या राममय थी। जिसे लेकर भाजपा खेमा भी जीत के प्रति आश्वस्त थी। जिसका चुनाव प्रचार में भी असर दिखा। वहीं समाजवादी पार्टी किसी न किसी प्रकार से एक आंदोलन के रूप में महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे को उठाती रही है। मतदाताओं के मन की बात भी यही थी। अवसर मिलते ही मतदाताओं ने अपने मताधिकार से आइना दिखा दिया कि हमारे लिए राम आस्था का विषय हैं। आराध्य हैं लेकिन समस्याओं का निदान तो सरकार को करना चाहिए था।