391 एड्स रोगी लापता, मौत की सम्भावना, एआरटी अयोध्या में चल रहा 1783 एचआईवी/एड्स मरीजों का इलाज
अयेाध्या। स्वास्थ्य महकमें की लाख कवायद के बावजूद एचआईवी/एड्स रोगियों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अयोध्या जनपद में एचआईवी/एड्स ने साल भीतर 597 जिंदगियां लील ली हैं। इलाज करवा रहे 391 रोगी लापता हो गये हैं सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि इनकी मौत हो चुकी है। फिलहाल एआरटी अयोध्या में 1783 एचआईवी/एड्स रोगियों का मौजूदा समय में इलाज चल रहा है।
एचआईवी/एड्स पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अयोध्या चिकित्सालय में एआरटी सेंटर व पैथालोजी लैब की विशेष व्यवस्था कर रखी है जहां पूरी तरह एचआईवी एड्स रोगी को मुफ्त सुविधा मुहैया करायी जाती है। सरकार एचआईवी/एड्स पाॅजटिब पाये जाने वाले मरीजों को निःशुल्क दवा भी उपलब्ध कराती है जो लगभग प्रतिमाह प्रति मरीज लगभग 10 हजार रूपये की लागत आती है। फिलहाल शासन की नीतियों के कारण रोग ग्रसित मरीजों के नाम पते पूरी तरह गोपनीय रखे जाते हैं। यही नहीं जिन मरीजों को चिकित्सालय में भर्ती करवाने की जरूरत महसूस होती है उन्हें सामान्य वार्डों में भर्ती कराया जाता है जिससे उनकी पहचान छिपायी जा सके।
अयोध्या जिला चिकित्सालय के आंकेड़े चैकाने वाले हैं। मौजूदा सत्र में 3400 मरीजों का पंजीकरण किया गया है जिनमें से रोग की पुष्टि होने के बाद 3006 को दवा का कोर्स प्रारम्भ किया गया। दवा लेने के दौरान 480 मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसके अलावां 117 रोगियों की मौत भी दवा कोर्स पूरा करने के दौरान हुई। वर्तमान समय में 1783 एचआईवी/एड्स मरीज जीवित हैं। इन रोगियों में से 77 ने दवा बींच में ही छोड़ दिया है। दूसरी ओर 391 पंजीकृत रोगी लापता हो गये हैं जिनके बारे में कोई जानकारी एआरटी सेंटर के पास उपलब्ध नहीं है।
अम्बेडकरनगर व गोण्डा जनपद में एआरटी बहुत बाद में स्थापित हुआ एआरटी सेंटर अयोध्या में इन दोनों जनपदों के मरीजों का भी पहले इलाज किया जाता रहा है दोनों जनपद में एआरटी सेंटर स्थापित होने के बाद 458 व 91 मरीजों का स्थानांत्रण कर दिया गया है जिनका इलाज जनपद स्तर पर ही उनके गृह जनपद में ही किया जा रहा है। एआरटी सेंटर के नोडल अधिकारी डा. राम किशोर ने बताया कि रोगियों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की जा रही है। एचआईवी/एड्स रोगी के इलाज के लिए एआरटी सेंटर में एक डाक्टर व दो काउंसलर के अलावां पृथक दवा काउंटर भी स्थापित किया गया है जहां से मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाती हे।