अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज, के कुलपति डाँ बिजेंद्र सिंह के नेतृत्व में प्रसार निदेशालय के निदेशक डॉ ए.पी.राव ने बताया कि कई दिन से लगातार बारिश एवं मौसम विभाग द्वारा ताऊते तूफान का उत्तर प्रदेश में पहुंचने का अलर्ट जारी किया गया है। वर्तमान में लता वाली सब्जियां जैसे लौकी,कद्दू ,करेला, तोरई, परवल आदि फसल का किसान भाई अधिकांशतः समतल जमीन पर खेती किए हैं ।
जिससे जलभराव या अधिक पानी के कारण पौधे का पीलापन बढ़ना एवं रोग तथा कीट की संभावना अधिक बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में किसान भाई यदि संभव हो तो लताओं को बांस के मचान बनाकर सहारा दे तथा जड़ के पास की मिट्टी को ऊंचा करें, जिससे जड़ में पानी कम से कम पहुंचे। यूरिया की टॉप ड्रेसिंग बारिश के बाद हल्की मात्रा में करें।
कीट नियंत्रण – फल मक्खीः मिथाइल यूजेनाल 1.5 मिली.एवं मैलाथियान 50 ई.सी. 2 मिली प्रति लीटर पानी में बने घोल को 1 लीटर क्षमता वाली चौड़े मुंह वाले जार में 10-12 स्थानों पर प्रति हेक्टेयर की दर से रखना चाहिए । पत्ती संकुचल रोगः इस रोग से पत्तियां सिकुड़ने एवं छोटी होने लगती है ।उचित नियंत्रण हेतु मेटासिस्टॉकस 30 ई.सी. 1 मिली या इमिडाक्मोरोपिड 1.25 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें।
रोग प्रबंधन :- जीवाणु झुलसाः इस रोग की संभावना बारिश के समय अधिक हो जाती है पत्तियों पर गाड़ी भूरी लहरदार रेखा दिखती है। उचित नियंत्रण हेतु स्ट्रेप्टो साइक्लीन 15 ग्राम दवा 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।
फल विगलन रोगः इस रोग के नियंत्रण हेतु कार्बेंडाजिम 50 प्रति डब्लू.पी. 50 ग्राम दवा प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।