चिल्ड्रेन बाई चॉइस नॉट बाई चांस
फैजाबाद। आधुनिक युग में नये गर्भरोधी तरीके भी आ चुके हैं,इनमे इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल ( ई सी पी ) व गर्भरोधी इंजेक्शन प्रमुख है। इसके अलावा पारम्परिक गर्भरोधी उपाय भी बेहतर बनाये गये हैं। जरूरत इस बात की है कि जनमानस में मनोरुझान बढ़ाने की। युवा वर्ग व नव दम्पत्तियों में आधुनिक गर्भरोधी उपायों के प्रति भावनात्मक जागरूकता की की कमी को दूर करना अत्यंत ही जरूरी है। इसी युवा मनोजड़त्व को तोड़ने तथा अभिमुखीकरण करने के उद्देश्य से अवध विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग में एन एस एस वालंटियर्स को सिफ्सा भारत सरकार की फैमिली वेलफेयर संस्था सिफ्सा द्वारा ट्रेनिंग वर्कशॉप आयोजित हुई। युवा मनोपरामर्शदाता व वर्कशॉप के प्रमुख ट्रेनर डॉ आलोक मनदर्शन ने चिल्ड्रेन बाई चॉइस, नॉट बाई चान्स की संकल्पना पर जोर दिया । वर्कशॉप के उद्घाटन सत्र की शुरुवात सिफ्सा के मन्डल परियोजना प्रबंधक श्री देवनाथ व समाज कार्य विभाग के प्रवक्ता डॉ विनय मिश्र द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यशाला में एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी डॉ वन्दिता सहित सैकड़ो स्वयंसेवी उपस्थित रहे। संचालन डॉ दिनेश सिंह ने किया।