नगर शिक्षा अधिकारी को हटाने पर अड़े शिक्षामित्र
अयोध्या। नगर क्षेत्र की शिक्षामित्र आराधना की आत्महत्या कर लेने सम्बंधी वायरल हुए पत्र के बाद जिले के शिक्षा मित्र आक्रोशित हो गये और स्कूल के बाद सीधे जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ कुछ किया जिसके बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से हुई मुलाकात में नगर क्षेत्र के अधिकांश शिक्षामित्रों की समस्याओं और उनके द्वारा किए जा रहे शोषण की वजह से नगर शिक्षा अधिकारी को तत्काल नगर क्षेत्र से हटाने की मांग पर अड़ गये जिसके बाद शासन प्रशासन के हाथ पांव फूल गए । गौरतलब है कि रविवार को नगर क्षेत्र के सहादतगंज द्वितीय में कार्यरत शिक्षा मित्र आराधना ने एक पत्र वायरल किया जिसमें लिखा था कि यदि उनकी मौत होती है या वह आत्महत्या करती हूं तो उसके सीधे जिम्मेदार नगर शिक्षा अधिकारी और संजय गुप्ता और उनके प्रधानाध्यापक आनंद गुप्ता होंगे । देखते ही देखते पत्र सोशल मीडिया पर टहलने लगा जिसके बाद जनपद के आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष ने मामले से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमिता सिंह को अवगत कराया जिस पर बीएसए ने जल्द ही कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए संगठन के पदाधिकारी दिनभर शिक्षामित्र के आवास पर बने रहे और उसकी बड़ी बहन के घर वापस आने के बाद ही घर छोड़ा ।अमर उजाला से बातचीत में आराधना ने बताया की उसका समायोजन मूल विद्यालय सहादतगंज द्वितीय कन्या में 26 जुलाई को कर दिया गया था जिसके बाद वह लगातार कार्य कर रही थी अगस्त माह बीतने पर शिक्षामित्र ने जब प्रधानाध्यापक से उपस्थिति प्रमाणित करने को कहा तो प्रधानाध्यापक ने इनकार कर दिया 19 सितंबर को को विद्यालय में नगर शिक्षा अधिकारी के आने पर शिक्षा में द्वारा उपस्थिति प्रमाणित कराने का अनुरोध किया गया लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी ने कोई ध्यान नहीं दिया बल्कि शाम को एक पत्र जारी कर के शिक्षा मित्र का मानदेय बाधित कर दिया। पीड़ित ने कहा कि उसके बाद वह सदमे में आ गई और उसी रात भर सो नहीं पाई और रविवार की सुबह उसने यह पत्र मजबूरी में लिखा ।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रांतीय मंत्री अवनीश सिंह की अगुवाई में मिला और नगर क्षेत्र के अधिकांश शिक्षामित्रों की क्रमागत समस्याएं विगत कई वर्षों से ना निपट पाने , और शिक्षामित्रों का लगातार नगर शिक्षा अधिकारी द्वारा शोषण किए जाने के कारण नगर शिक्षा अधिकारी को हटाने की मांग रखी , जिस पर बीएसए ने विचार करने की बात कही और उसके बाद शिक्षामित्रो ने पीड़ित आराधना के साथ बीएसए कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गये ।मामले को सुनते ही शिक्षामित्रों के आंदोलन में प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय कोषाध्यक्ष विश्वनाथ सिंह भी पहुंच गए और शिक्षामित्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक शिक्षामित्रों की मांग नहीं मानी जाएगी वह शिक्षामित्रों के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे। आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय मंत्री अवनीश सिंह ने ऐलान किया कि जब तक शिक्षामित्रों का शोषण करने वाले अधिकारी को हटाया नहीं जाएगा शिक्षामित्र बीएसए कार्यालय नहीं छोड़ेंगे। इस दौरान प्राथमिक शिक्षक संघ के नगर अध्यक्ष योगेश्वर सिंह मंत्री अरविंद पाठक शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन की जिला मंत्री राम जी द्विवेदी मंत्री अनिल पांडेय आरती सविता तिवारी,अर्चना,मीनाक्षी गुर्जर,संगीता , विनोद कुमार, मुकेश कुमार, सुनील तिवारी ,राम दर्शन यादव, अखिलेश यादव दिनेश सिंह प्रेम द्विवेदी किरण श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। मीडिया प्रभारी अनूप द्विवेदी ने बताया की शिक्षामित्र बगैर आदेश लिए कार्यालय नहीं छोड़ेंगे जब तक आदेश नहीं हो जाता तब तक शिक्षामित्र लगातार आंदोलन करते रहेंगे।
नगर क्षेत्र में सारे विद्यालय संचालन शिक्षामित्रों के हाथ में है ऐसे में शिक्षामित्रों के मानदेय एरिया में शोषण करने की वजह से नगर शिक्षा अधिकारी बैकफुट पर आ गए ।अब जबकि शिक्षा मित्र ने आत्महत्या करने की धमकी दे दी है तो उसके बाद यह मामला और भी संगीन हो गया है। वही आराधना के साथ नगर क्षेत्र के अन्य शिक्षामित्र साथी भी धरने पर बैठ गए है। जिलाध्यक्ष अनुज सिंह का कहना है कि आश्वासन के बाद भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नगर शिक्षा अधिकारी को हटाने का आदेश नहीं जारी किया है जब तक नगर शिक्षा अधिकारी को हटाने का आदेश नहीं मिल जाता शिक्षामित्र हटने को तैयार नहीं है।
जारी पत्र पर आराधना ने जताया ऐतराज
रविवार को ही 20 जुलाई की डेट में नगर शिक्षा अधिकारी संजय गुप्ता द्वारा एक पत्र जारी करके संबंधित शिक्षा मित्र को रिसीव कराने का प्रयास किया गया लेकिन शिक्षामित्र बैक डेट में पत्र को लेने से इंकार कर दिया शिक्षामित्र आराधना का कहना था कि वह अपने मूल विद्यालय में 26 जुलाई 2019 से ही कार्यरत है और उसी विद्यालय में रहना चाहती है ऐसी स्थिति में दूसरा पत्र जारी करने का क्या औचित्य है यह पत्र जारी करके सिर्फ प्रशासन को गुमराह किया जा रहा है।
बीईओ की कार्यशैली से पेरशान शिक्षामित्र परेशान
शिक्षामित्रों के भरोसे ही नगर क्षेत्र के सभी विद्यालय चल रहे हैं उसके बाद भी नगर शिक्षा अधिकारी द्वारा मनमानी करके शिक्षामित्रों को लगातार शोषण किया जाता रहा है आदर्श कन्या प्राथमिक विद्यालय रीडगंज में कार्यरत दिव्यांग शिक्षा मित्र मुकेश यादव कहते हैं कि 3 वर्ष पूर्व शिक्षामित्र से समायोजित हुए थे उस दौरान विद्यालय की बिल्डिंग गिर गई थी और उसके जिम्मेदार प्रधानाध्यापक के रहने के बावजूद मुझे निलंबित कर दिया गया जब मैंने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की तो उन्होंने प्रधानाध्यापक को भी निलंबित कर दिया लेकिन कुछ ही समय मे प्रधानाध्यापक को बहाल कर दिया गया लेकिन आज तक मुझे ना तो बहाल किया गया और ना ही मेरा उस दौरान का वेतन एरियर का बकाया भुगतान हुआ और को 5 महीने का मानदेय भी आज तक नही मिला। प्राथमिक विद्यालय में नाका में शिक्षामित्र पद पर कार्यरत पर कार्यरत सुधा तिवारी भी पीड़ित हैं उनका कहना है कि कार्य करने के बाद भी उन्हें पिछले 5 महीने से मानदेय नहीं दिया जा रहा है जिसकी उच्च अधिकारियों से शिकायत भी की है लेकिन मामला सिफर रहा है। प्राथमिक विद्यालय जानकी घाट में शिक्षा मित्र पद कार्यरत व नगर अध्यक्ष दीपका निगम भी नगर शिक्षा अधिकारी के शोषण से परेशान हैं जनवरी और जुलाई माह में कार्य करने के बावजूद भी उनको मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। वहीं प्राथमिक विद्यालय नाका में कार्यरत सुधा तिवारी शिक्षा मित्र का कहना है कि विद्यालय में फल वितरण की जिम्मेदारी इंचार्ज प्र अ की है लेकिन विद्यालय में फल नहीं बटा इसके लिए ई प्रधानाध्यापक पर कार्यवाही ना करते हुए नगर शिक्षा अधिकारी ने मेरा ही अगस्त माह मानदेय रोक दिया है। प्राथमिक विद्यालय माननीय काशीराम कंपोजिट विद्यालय में कार्यरत शिक्षा में विनोद कुमार का कहना है कि शासन के निर्देश के बाद भी उनको उनके मूल विद्यालय नहीं भेजा जा रहा है जबकि इस संदर्भ में उच्च अधिकारियों को कई बार पत्र दे चुके हैं।