-कुलपति ने कुलाधिपति, मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री को दिया उपलब्धि का श्रेय, वैज्ञानिकों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों में खुशी की लहर, दी बधाइयां
अयोध्या। देश एवं प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान बना चुका अयोध्या का आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय ने एक बार फिर से विश्व स्तर पर नया इतिहास रच दिया है। देश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में यह विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में सर्वोच्च A ++ ग्रेड पाने वाला देश का पहला कृषि शिक्षण संस्थान बन गया है। विश्वविद्यालय ने शिक्षा, शोध, प्रसार, संसाधन एवं समन्वय के दम पर यह उपलब्धि हासिल की है।
विश्वविद्यायालय में इसकी सूचना प्राप्त होते ही शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं दूसरी तरफ इस सफलता के बाद प्रदेश की राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव, कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी ने कृषि विवि के कुलपति को बधाई दी है।
कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि नैक में यह सफलता प्रदेश की राज्यपाल/कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल, प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, अपर मुख्य सचिव कृषि शिक्षा डा. देवेश चतुर्वेदी, कुलाधिपति के अपर मुख्य सचिव डा. सुधीर एम बोबडे, कुलाधिपति के ओएसडी डा. पंकज. एल. जानी के कुशल मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय कुलाधिपति को देते हुए कहा कि नैक की तैयारी में प्रदेश की कुलाधिपति का समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहा। कुलपति ने कहा कि नैक की इस सफलता में पूरे विश्वविद्यालय परिवार की परिश्रम और मेहनत है।
सबके प्रयास से विश्वविद्यालय को इतनी बड़ी सफलता मिली है। कुलपति को बधाई देने के लिए दिनभर वैज्ञानिकों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों का तांता लगा रहा। ई.क्यू.ए.सी के निदेशक डा. डी.के दिवेदी ने बताया कि नैक की तैयारी के लिए कुलाधिपति द्वारा आठ बार तथा कुलपति के नेतृत्व में 120 बार बैठकें आयोजित कर नैक की तैयारी की समीक्षा की गई जिसके बाद यह बड़ी सफलता हाथ लगी है। आई.क्यू.ए.सी के कोआर्डिनेटर डा. सुशांत श्रीवास्तव ने कुलपति के कुशल मार्गदर्शन एवं समस्त सातों क्राइटेरिया के चेयरमैन एवं समस्त सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
क्या है ग्रेडिंग प्रक्रिया
नैक यूजीसी का हिस्सा है। इसका काम देशभर के विश्वविद्यालयों, उच्च शिक्षण संस्थानों, निजी संस्थानों में गुणवत्ता को परखना और उनको रेटिंग देना है।
ये रहीं विश्वविद्यालय की उपलब्धियां
-विश्वविद्यालय में कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह के सन 2020 में पदभार ग्रहण के बाद से विश्वविद्यालय ने शिक्षा, शोध एवं प्रसार में अभूतपूर्व प्रगति की है। राष्ट्रीय कृषि शिक्षा बोर्ड से मूल्यांकन, आईसीएआर एवं एनआईआरएफ रैंकिग में सफलता, आईक्यूएसी, शैक्षणिक प्रबंधन प्रणाली एवं ई-गवर्नेंस प्रणाली की स्थापना, विवि में नए पाठ्यक्रमों एवं गोंडा में कृषि महाविद्यालय की शुरुआत, 579 नए विषयों का संचालन एवं 52 प्रतिशत पाठ्यक्रमों में स्थानीय एवं वैश्विक आवश्यकतानुसार संसोधन, नई शिक्षा नीति के तहत 51 मूल्य-वर्धित पाठ्यक्रम की शुरुआत, 52 आईसीटी आधारित कक्षाओं की स्थापना, 19.84 प्रतिशत छात्रों का अधिक प्रवेश, अच्छी रैंकिग से विवि में बढ़ी विदेशी छात्रों की संख्या, विवि में राष्ट्रीय स्तर की आधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना, उच्च कोटि की 19 प्रजातियां विकसित हुईं, , ढाई गुना अधिक बीज का उत्पादन, छात्रों के लिए एनएसएस एवं एनसीसी की स्थापना, नए छात्रावासों की स्थापना, रेडियो स्टेशन, बंजर भूमि पर राष्ट्रीय बीज उत्पादन इकाई की स्थापना, आधुनिक सुविधाओं से लैस खेल परिसर की स्थापना, कौशल विकास कार्यक्रमों की शुरुआत, 120 शिक्षकों, 76 विषय वस्तु विशेषज्ञों की नियुक्ति, 180 दैनिक कर्मियों का विनियमितीकरण, मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किए गए 50 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि से कृषि विज्ञान केंद्रों का सुदृणीकरण, हजार किलोवाट सोलर पैनल की स्थापना, विवि का आई.एस.ओ सर्टिफिकेशन तथा एनर्जी क्लीन ग्रीन ऑडिट, विभिन्न सामाजिक कार्य टीबी उन्मूलन, पराली प्रबंधन, थारू जनजाति उत्थान, जल संचयन के लिए 29 तालाबों का निर्माण, श्रीअन्न जैसी आदि उपलब्धियां विश्वविद्यालय ने हासिल की है।