परिषदीय विद्यालयों में विद्युतीकरण हेतु आवंटित एक करोड़ 90 लाख 68 हजार रूपये हो गया लेप्स
अयोध्या। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना मद में विद्युतीकरण हेतु शासन द्वारा 1 करोड़ 90 लाख 68 हजार की धनराशि आवंटित की गई थी। जिसके सापेक्ष जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रीमती अमिता सिंह ने 79 लाख 68 हजार तथा 98 लाख 37 हजार के भुगतान हेतु प्रस्ताव वित्त एवं लेखाधिकारी, बेसिक अयोध्या को प्रेषित किया था, उक्त क्रम में बेसिक शिक्षा विभाग के लेखाकार अजीत कुमार तिवारी द्वारा 79 लाख 68 हजार का टोकन ई-कुबेर साइड पर 30 मार्च 2019 को जनरेट कर उसका बिल देयक प्रपत्र-105 पर तैयार कराकर वित्त एवं लेखाधिकारी के हस्ताक्षर कराने के उपरान्त भी कोषागार में प्रस्तुत नहीं किया गया तथा 98 लाख 37 हजार धनराशि का ई-कुबेर पर दूसरा टोकन जनरेट किया गया, परन्तु उक्त धनराशि का न तो देयक प्रपत्र-105 पर न तो बिल बनाया न ही उक्त के सम्बन्ध में बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी को परिस्थितियों से भी अवगत नहीं कराया। श्री तिवारी ने उक्त दोनो धनराशि का भुगतान मानते हुए शेष धनराशि 2 लाख 97 हजार का समर्पण भी शासन को भेज दिया, फलस्वरूप विद्यालयों में विद्युतीकरण से सम्बन्धित धनराशि का भुगतान नही हो सका तथा उक्त धनराशि लैप्स हो गई।
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने उक्त प्रकरण के संज्ञान में आते ही सख्त कदम उठाते हुए लेखाकार द्वारा बरती गई घोर उदासीनता के चलते अजीत कुमार तिवारी के निलम्बन हेतु संस्तुति पत्र निदेशक, आन्तरिक लेखा एवं लेखा सम्परीक्षा निदेशालय उ0प्र0 लखनऊ को पत्र भेजने के साथ जिला बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी अरूण कुमार अग्निहोत्री को प्रभावी पर्यवेक्षण न करने, लापरवाही उदासीनता के कारण एक महत्वपूर्ण योजना की धनराशि लैप्स हो जाने के उत्तरदायी मानते हुए उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही करने की संस्तुति निदेशक कोषागार जवाहर भवन उ0प्र0 लखनऊ को प्रस्तुत किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि महत्वपूर्ण कार्य में शासन का बजट लैप्स होना घोर लापरवाही है जो अक्षम्य है। जिलाधिकारी ने शिक्षा निदेशक बेसिक को पत्र भेजकर उक्त कार्य हेतु सम्बन्धित मद में 1 करोड़ 78 लाख 500 रू0 की धनराशि यथाशीघ्र आवंटित करने का अनुरोध पत्र भेजा है, ताकि मतदान के लिये जाने वाली मतदान कर्मियों की टीम को हर सुविधा के साथ प्रकाश व पंखा की सुविधा मुहैया भी कराई जा सके।
लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 के दृष्टिगत सुरक्षित न्यूनतम सुविधा के अन्तर्गत मतदेय स्थलो में न्यूनतम सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण थी, परन्तु वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक) द्वारा धनराशि आहरित व भुगतान न करने के कारण न्यूनतम अवस्थापना सुविधाएं विद्युत उपलब्ध कराने में कठिनाई हो रही है।
उक्त धनराशि लैप्स होने के बाद भी इस बात को दबाये रखा गया। निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य में वित्त एवं लेखाधिकारी की घोर लापरवाही कर्तव्यों के प्रति उदासीनता एवं उनकी अक्षमता का परिचायक है।