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सपा-भाजपा की जीत-हार का फैसला तय करेगा मतों का ध्रुवीकरण

राजन व विजय शंकर सपा-भाजपा के वोट बैंक में करेंगे सेंधमारी

अयोध्या। 54-फैजाबाद लोकसभा चुनाव में सपा-भाजपा के प्रत्याशियों की हार-जीत का फैंसला मतों का ध्रुवीकरण करेगा। निर्दल प्रत्याशी राजन पाण्डेय व लोक गठबंधन पार्टी प्रत्याशी विजयशंकर पाण्डेय द्वारा सपा-भाजपा के मतों में सेंधमारी लगाना लगभग तय हैं। 2019 लोकसभा चुनाव बिना किसी लहर के लड़ा जा रहा है ऐसे में यह कहना आसान नहीं है कि आसानी से किसे जीत हांसिल होगी।
लोक गठबंधन पार्टी के प्रत्याशी विजय शंकर पाण्डेय भ्रष्टाचार मुक्त समाज के मुद्दे को लेकर चुनावी समर में उतरे हैं। विजय शंकर फैजाबाद में जिलाधिकारी के पद पर रह चुके हैं। इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मिट्टी के तेल की चोर बाजारी पर प्रभावी अंकुश लगाया था। चूंकि उनके साथ फैजाबाद का प्रबुद्ध वर्ग जुड़ा है इसलिए माना जा रहा है कि वह बड़ी संख्या में मतों का ध्रुवीकरण कर सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को ही हानि पहुंचेगी और पराजय का कारण बनेगी। दूसरी ओर निर्दल व पीस पार्टी समर्थित प्रत्याशी समाजसेवी राजबहादुर उर्फ राजन पाण्डेय गरीब गुरबों के दिलों में स्थान रखते हैं तथा उन्होंने तमाम मस्जिदों में पंखा, सोलर लाइट और उर्स आदि समारोहों में आर्थिक मदद करते रहते हैं इसलिए माना जा रहा है कि इन्हें काफी मुस्लिम मत भी प्राप्त होंगे। दूसरी ओर यदि क्षेत्र में कोई दैवीय आपदा मसलन अग्नि काण्ड होता है तो यह तत्काल अपने परिवार के साथ पहुंचकर वस्त्र व नकदी से लोगों की मदद करते हैं हर साल हजारों गरीबों को सर्दी के मौसम में कम्बल वितरित करते हैं जिसके कारण दलितों व गरीबों में इनकी छवि अमिट बनी हुई हैं। इनकी पत्नी डाॅ. तृप्ति पाण्डेय अमानीगंज क्षेत्र की जिला पंचायत सदस्य है जो काफी अधिक मतों से चुनाव जीती थीं। राजन पाण्डेय की समाजसेवा के चलते यदि क्षेत्र के काफी मतदाताओं के रूझान इनकी ओर हो जायेंगे तो सपा प्रत्याशी आनन्दसेन की राह मुश्किल नजर आयेगी। विजयशंकर पाण्डेय व राजन पाण्डेय सपा व भाजपा के लिए राहु और केतु से कम नहीं साबित होंगे।

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लहर विहीन हो रहा लोकसभा चुनाव

सपा प्रत्याशी चूंकि महागठबंधन के घटक बहुजन समाज पार्टी व रालोद के संयुक्त उम्मीदवार हैं इसलिए इनकी स्थिति ऊपरी तौर पर मजबूत दिखाई पड़ रही हैं परन्तु यदि दलित व मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो इनके सामने तमाम मुश्किलात खड़ी हो जायेगी। यही हाल भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह का भी है। चूंकि 2014 लोकसभा चुनाव की तरह इसबार न तो राम मन्दिर लहर है और न ही मोदी लहर परवान चढ़ पा रही है। ऐसे में वोटकटवा उम्मीदवारों द्वारा उनकी राह में अड़चन पैदा की जा सकती है। कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल खत्री की छवि वोट कटवा व डमी उम्मीदवार के रूप में उभरकर सामने आयी है। अमेठी में बीते दिनों चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा यह बयान देना कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर कांग्रेस प्रत्याशी मजबूती से लड़ रहे हैं और वह चुनाव जीतेंगे परन्तु जहां कांग्रेस प्रत्याशी कमजोर स्थित में हैं उन्हें भाजपा के वोट को काटने के लिए और महागठबंधन प्रत्याशी को जिताने के लिए लड़ाया जा रहा है। वैसे प्रियंका गांधी ने 12 घंटे के भीतर ही सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमों मायावती के विरोध के चलते अपना बयान बदल दिया था। परन्तु प्रदेश में लोगों की जुबान पर उनका बयान अभी तक कायम है। दूसरी ओर महागठबंधन ने कांग्रेस के लिए तीन सींटे छोड़ दी थी जहां उन्होंने अपने प्रत्याशी नहीं खड़े किये इससे स्पष्ट हो गया कि कहीं न कहीं कांग्रेस से महागठबंधन का अन्दरूनी पैक हुआ है।

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2014 चुनाव में मोदी व राम मन्दिर की प्रबल लहर थी

फिलहाल बीते फैजाबाद लोकसभा चुनावों पर नजर डालें तो 2014 चुनाव में जब मोदी व राम मन्दिर की प्रबल लहर थी तब भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह ने 491761 मत हांसिल कर सभी प्रतिद्धंदियों को पटखनी दे दिया था। इस चुनाव में सपा प्रत्याशी मित्रसेन यादव को 208986 मत हांसिल हुए थे और वह दूसरे स्थान पर थे। बसपा ने जितेन्द्र सिंह बब्लू को अपना प्रत्याशी बनाया था इन्हें 141827 मत हांसिल हुए थे। कांग्रेस के निर्मल खत्री चौथे स्थान पर थे और उन्हें 129917 मतों से ही संतोष हांसिल करना पड़ा था। इसी भांति लोकसभा चुनाव 2004 में बसपा के मित्रसेन यादव ने 207289 मत हांसिल कर चुनावी जीत दर्ज की थी। उनके निकटतम प्रतिद्धंदी लल्लू सिंह को 173719 मत हांसिल हुए थे। सपा के अशोक सिंह को 137142 मत प्राप्त हुआ था इस चुनाव में कांग्रेस के निर्मल खत्री चौथे स्थान पर थे और उन्हें 95284 मत से ही संतोष करना पड़ा था। इसी भांति 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने जीत हांसिल की थी कांग्रेस प्रत्याशी निर्मल खत्री को 211243 मत हांसिल हुए थे उनके निकटतम प्रतिद्धंदी सपा के मित्रसेन यादव को 157315 मत मिला था। भाजपा के लल्लू सिंह को 151558 मत व बसपा के विमलेन्द्र मिश्र को 135709 मत प्राप्त हुए थे।

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