-12 करोड़ 60 लाख 6773 रुपये की वसूली हुई
अयोध्या। राष्ट्रीय लोक अदालत बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक मुकदमों का निस्तारण किया जाना है, जिससे राष्ट्रीय लोक अदालत में निस्तारण का नया कीर्तिमान स्थापित किया जा सके। यह उद्गार हैं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फैजाबाद वीर नायक सिंह का। जिला जज शनिवार को दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ कर लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। शैलेन्द्र सिंह यादव नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत एवं रिचा वर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जनपद न्यायालय फैजाबाद ने बताया कि शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 49166 वादों को निस्तारित किया गया है। जिसमें कुल 126006773.00 ( बारह करोड़ साठ लाख छः हजार सात सौ तिहत्तर) रूपये की वसूली धनराशि पर समझौता किया गया।
भूदेव गौतम न्यायाधीश मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण की ओर से कुल 81 वाद निस्तारित किए गए। जिस पर 42017708.00 रुपये की धनराशि क्षतितपूर्ति निर्धारित की गई। बैंक रिकवरी से सम्बंधित 869 प्री-लिटिगेशन वाद के निस्तारण तथा बैंक के ऋण 74574617 रुपये वसूल किए गए। इसी तरह पारिवारिक न्यायालय से 94 मुकदमों तथा कई पुराने वाद निस्तारित किए गए। बताया कि संबंधित मजिस्ट्रेट न्यायालयों की ओर से 17905 फौजदारी वादों को निपटाया गया। जिसके एवज में 310145.ल अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया। सिविल न्यायालय की ओर से 71 मामलों का निस्तारण किया गया। जिसमें 3137418 रुपये का उत्तराधिकार प्रमाण पत्र आदि जारी किया गया। राजस्व मामलों से संबन्धित 30127 वाद विभिन्न राजस्व न्यायालय द्वारा निस्तारित किए गए।
इस प्रकार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 49166 मामलों का निस्तारण हुआ जिसमें कुल 126006773 रुपये वसूली धनराशि पर समझौता किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन से महिलाओं, विकलांगों व वरिष्ठ नागरिकों, पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति/जनजाति एंव सामान्य वर्ग के लोग लाभान्वित हुए। इसके अलावा राष्ट्रीय लोक अदालत में निःशुल्क एलोपैथिक चिकित्सा शिविर एंव होम्यो पैथिक चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें न्यायिक अधिकारीगण, कर्मचारीगण, अधिवक्तागण एंव वादकारीगण द्वारा जांच कराया और आवश्यक परामर्श लिया।
श्रम न्यायालय में पांच मुकदमों का हुआ निस्तारण
अयोध्या। राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलतानपुर जनपद के लम्भुआ की निवासी ममता सिंह जो दो नन्हे बच्चों की मां हैं। उनके पति की कारखाने मे हुई दुर्घटना मे युवावस्था मे मौत हो गई थी। आर्थिक तंगी के कारण ममता सिंह के सामने अपने बच्चों की परवरिश करने की समस्या थी। कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम,1923 के अंतर्गत उन्होंने मुकदमा दायर किया था। जो सामान्यतया वर्षो मे निस्तारित हो पाता है। ऐसे मुकदमें में उपश्रमायुक्त अनुराग मिश्र ने पहलकर दोनों पक्षो मे समझौता कराने मे सफलता प्राप्त की । ममता सिंह को आठ लाख 37 हजार रूपये की धनराशि दिलायी गई। उपश्रमायुक्त ने बताया कि इसी प्रकार चार अन्य मुकदमों मे पांच श्रमिकों को सात लाख रुपए से अधिक दिलाया गया। कुल 15 लाख रुपए से अधिक का भुगतान सहमति के आधार पर उपश्रमायुक्त न्यायालय मे कराया गया । इस मौके पर दोनो पक्षों के अधिवक्ता देवी पाण्डेय, दीनदयाल व श्रम विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।