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दुनिया में क्षय रोगियों का 25 प्रतिशत भाग केवल भारत में : डॉ. अजय मोहन

क्षयरोगी खोज अभियान का तीसरा चरण 21 से 01 फरवरी तक

अयोध्या। जिलाधिकारी डा. अनिल कुमार ने जनपद से क्षयरोग समाप्त करने हेतु सक्रिय क्षयरोगी खोज अभियान तृतीय चरण की प्री लांचिंग मीटिंग में कहा कि क्षयरोगी खोज अभियान का तीसरा चरण 21 जनवरी से 01 फरवरी 2019 तक चलाया जायेगा। इस अभियान के अन्तर्गत जनपद की 10 प्रतिशत चयनित आबादी पर 03 सदस्यीय, कुल 95 टीमों तथा 20 सुपरवाइजर द्वारा घर-घर जाकर टीबी के संभावित मरीजो के बलगम का संकलन किया जायेगा। कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन हेतु जनपदीय अधिकारियों द्वारा प्रतिदिन कार्य की समीक्षा की जायेगी।
इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ0 अजय मोहन ने बताया कि दुनिया में क्षय रोगियों का 25 प्रतिशत भाग केवल भारत मेंं है जो दुनिया में सबसे ज्यादा है तथा उत्तर प्रदेश का पूरे देश के क्षय रोगियों में पांचवा स्थान है। प्रति वर्ष लगभग 5 लाख क्षय रोगी भारत में मृत्यु को प्राप्त हो जाते है, एक लाख जनसंख्या पर प्रति वर्ष लगभग 217 नये रोगी पाये जाते है, जनपद में 10 दिवसीय सक्रिया क्षयरोगी खोज अभियान 21 जनवरी से 01 फरवरी तक आयोजित किया जाना है। सक्रिय क्षयरोगी खोज अभियान माह सितम्बर 2018 के अन्तर्गत जनपद अयोध्या में 99 क्षय मरीज खोजे गये थे। उन्होनें बताया कि टीबी से ग्रसित प्रत्येक रोगी समाज में 10-15 स्वस्थ्य लोगों को टीबी रोग से संक्रमित कर सकता है। अतैव हम सभी का दायित्व है कि 2 हफ्ते से अधिक खांसी या बुखार के पीड़ित व्यक्तियों को सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रो पर भेज कर आधुनिक पद्धति की निःशुलक जांच तथा उपचार हेतु प्रेरित करें। टीबी की दवाइयों को निर्धारित कार्यक्रम में न खाने से तथा अपनी सुविधानुसार टीबी की दवा खरीद कर खाने के कारण दवा प्रतिरोध क्षय रोगी की संख्या बढ़ रही है। जनपद में मल्टी ड्रग रजिस्टेन्स के 156 रोगी है तथा एक्सटेन्सिव ड्रग रजिस्टेन्स के 11 रोगी है। सभी को निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध करायी जा रही है, जनपद में 26 माइक्रोस्कोपी केन्द्र है। जिसमें माह दिसम्बर 2018 में 1207 बलगम की जांच की गयी है जिसमें 104 बलगम धनात्मक क्षयरोगी पाये गये है। जनपद में 2 क्बनात मशीन कार्यरत है। जिसमे एक जिला क्षयरोग कार्यालय पर तथा दूसरी सामुदायकि स्वा0 केन्द्र रूदौली पर क्रियाशील है। माह दिसम्बर 2018 में डीटीसी पर 215 तथा रूदौली में 150 जांचे की गई है। क्बनात मशीन द्वारा क्षयरोग की पहचान के साथ-साथ रिफाम्पिसिन प्रतिरोधकता का पता चलता है। वर्तमान में सभी क्षय मरीजों का युनिवर्सल ड्रग सेन्सिटिविटी टेस्ट कराया जा रहा है जिसके द्वारा माइकोबैक्टीरियम वैक्टीरिया पर दवाइयों के प्रभाव की जांच की जाती है इसकी जांच सरकारी खर्चे पर लखनऊ आईआरएल लैब में की जाती है, जनपद में क्षयरोगी को 500/- प्रतिमाह पोषण हेतु क्षय मरीजो के बैंक खाते में पीएफएमएस के द्वारा डेबिट किया जा रहा है। वर्तमान में कुल नोटिफाइड क्षय रोगियों की संख्या 4284 है, जिसके सापेक्ष 2542 का बैंक खाता प्राप्त हुआ है, 2369 बैंक खाते निःक्षय पोर्टल द्वारा सही पाये गये है जिसमें से 1758 क्षय मरीजो को 22 लाख 47 हजार रू0 का भुगतान किया जा चुका है।

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