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शांतिपूर्ण सम्पन्न हुई अयोध्या की 14 कोसी परिक्रमा

– बाहरी श्रद्धालुओं पर प्रतिबंध से भी रही कम, सक्रिय रहे अधिकारी

अयोध्या। रामनगरी की चौदहकोसी परिक्रमा कोविड-19 के साये में सोमवार को सम्पन्न हो गई। उत्साही श्रद्धालुओं ने मुहूर्त रविवार रात 02 बजे के पूर्व ही मंदिरों में पहुंच गए। कुछ ने समय से पहले ही जय श्रीराम के उद्घोष के साथ परिक्रमा शुरू कर दी। अक्षय नवमी तिथि पर अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा होती है। कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण लगाए गए प्रतिबंध को देखते हुए पूर्व के वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष कम संख्या में श्रद्धालु परिक्रमा में शामिल हुए। ज्यादातर अयोध्या शहर के ही श्रद्धालु और साधु संत इस परिक्रमा में शामिल रहे हैं। फिर भी परम्परागत परिक्रमा करते चले आए आस्थावान भी पड़ोसी जनपदों से पहुंच गए। परिक्रमा में भीड़ कम होने के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन होता रहा है। जबकि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले ही श्रद्धालुओं से अपील की थी कि वह कम संख्या में परिक्रमा में शामिल हों। अयोध्या के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को परिक्रमा में शामिल ना होने की अपील की गई थी. इसके लिए सीमा तक सील कर दी गई थी। जिसका असर परिक्रमा में देखने को मिला और कम संख्या में श्रद्धालु परिक्रमा करते नजर आए। रात 2ः16 से शुरू हुई 14 कोसी परिक्रमा में जय श्री राम का उद्घोष करते हुए श्रद्धालु करीब 45 किलोमीटर परिक्रमा पथ पर परिक्रमा कर शुरू किए गए स्थान पर जयघोष के साथ ही समाप्त भी किया है। कोविड-19 प्रोटोकाल के मद्देनजर जिला प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किए थे। परिक्रमा कर रहे राम भक्त श्रद्धालु पूरे विश्व से कोरोना वायरस खत्म होने की कामना लेकर परिक्रमा किए। यह क्रम सोमवार दोपहर बाद तक चलता रहा है।

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जय श्रीराम से गूंजता रहा परिक्रमा पथ

– रात 2 बजे परिक्रमा मुहूर्त होने से दिनभर अयोध्या में हलचल रही। आधीरात परिक्रमा शुरू होते ही पूरा 45 किलोमीटर मार्ग श्रद्धालुओं के जयघोष से गूंजता रहा। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या के ऐतिहासिक कार्तिक पूर्णिमा मेले का पहला पर्व 14 कोसी परिक्रमा शुरू होता है। अयोध्या विवाद में सुप्रीम फैसले को लेकर उपजे उत्साह से लबरेज श्रद्धालुओं के जत्थे नवमी तिथि शुरू होने के पूर्व ही परिक्रमा पथ पर उतर पड़े। भले ही अभी परिक्रमा पथ पर पूर्व के वर्षों की तरह मानव श्रृंखला न बन पाई हो लेकिन उत्साही जत्थे जय श्री राम का उद्घोष करते हुए आगे बढ़ते रहे हैं। आस्था और श्रद्धा के वशीभूत श्रद्धालु तमाम पाबंदियों को दरकिनार कर अगल-बगल के रास्ते वाहनों से राम नगरी के निकट के क्षेत्रों में पहुंच पैदल ही राम नगरी के लिए प्रस्थान किए। टुकड़ों टुकड़ों में पहुंची श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते राम नगरी अयोध्या में अच्छी खासी चहल-पहल रही जिससे दुकानदारों के चेहरे भी खिले रहे।

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अफसरों ने ली राहत की सांस

-शांति एवं सकुशल परिक्रमा मेला सम्पन्न होने पर व्यवस्था में लगे अफसरों व जिला पुलिस, प्रशासन ने राहत की सांस ली। डीएम अनुज झा के निर्देश पर 14 कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा व कार्तिक पूर्णिमा स्नान मेला को कंट्रोल रूम की स्थापना के साथ ही परिक्रमा क्षेत्र को 5 जोन में बांटा था। जिसका सुपर जोनल मजिस्ट्रेट/एडीएम (एफआर) गोरेलाल शुक्ला को बनाया गया था। जिनके अधीन 5 जोनल मजिस्ट्रेट, 09 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 02 सब सेक्टर मजिस्ट्रेट सहित 26 स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी।कर दी गई है। पुलिस अधिकारी व फोर्स के अलावा 10 आरक्षित मजिस्ट्रेट भी रहे।

पंचकोसी परिक्रमा कल

-रामनगरी अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा 25 नवम्बर को प्रातः 4ः11 से प्रारंभ होकर 26 नवंबर 2020 को पूर्वाहन 5ः57 बजे संपन्न होगी। पंचकोसी परिक्रमा को 03 जोन में बॉटकर सुपर जोनल मजिस्ट्रेट के रूप में मुख्य राजस्व अधिकारी पीडी गुप्ता को तैनात किया गया है। 03 जोनल मजिस्ट्रेट, 08 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 23 स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस अधिकारियों एवं जवानों की तैनाती की गई है। 07 मजिस्ट्रेटो को आरक्षित किया गया है।

कार्तिक स्नान मेला 30 को

-पूर्णिमा मेला 30 नवंबर 2020 को प्रातःकाल से प्रारंभ होकर दिन भर चलेगा।सुरक्षा के दृष्टिगत से 03 सुपर जोनल मजिस्ट्रेट, 6 जोनल मजिस्ट्रेट, 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। इन सभी के साथ पुलिस अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है। 06 मजिस्ट्रेट को आरक्षित किया गया है।

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