संत कँवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र द्वारा 05 सिंधी शिक्षिकाओं को किया गया सम्मानित

by Next Khabar Team
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अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह के हाथों दिया गया सम्मान

अयोध्या। डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह के हाथों संत कँवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र द्वारा 05 सिंधी शिक्षिकाओं को उनकी सर्वाधिक शिक्षण सेवा के लिए प्रशंसा पत्र, सिंधी साहित्य की पुस्तक, पेन एवं प्रत्येक को एक हज़ार रूपये सम्मान राशि देकर । जेबीएनटीटी की प्रिंसिपल अंजलि को 31 वर्ष, जेबीएस की वाइस प्रिंसिपल प्रिया शर्मा को 16 वर्ष, सहायक अध्यापिका सीमा राजपाल को 15 वर्ष, स्पेशल एजुकेटर अनुपमा लालवानी को 14 वर्ष एवं जेबीए की वंदना साधवानी को 13 वर्ष तक शिक्षण करने के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर अयोध्या व गोण्डा की कुल 75 सिंधी शिक्षिकाओं को सम्मानित किया।

अध्ययन केंद्र के मानद निदेशक प्रो. आर. के. सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष 05 सिंधी षिक्षकों को उनकी सर्वाधिक शिक्षा सेवा के लिए इसी प्रकार से सम्मानित किए जाने की यह पहली शुरूआत है। उन्होंने बताया कि आगामी वर्ष अकबरपुर, सुल्तानपुर, बहराइच, बाराबंकी के सिंधी शिक्षकों को भी जोड़ा जाएगा। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी की ओर से प्रत्येक को एक सिंधी साहित्य की पुस्तक भेंट स्वरूप प्रदान की गई। सरस्वती वंदना विश्प्रकाश एवं संचालन केंद्र सलाहकार ज्ञानप्रकाश टेकचंदानी सरल ने किया।

समाज कानून से नहीं शिक्षा से बदलता है: अंजलि

-समाज कानून से नहीं शिक्षा से बदलता है। शिक्षा शिक्षक देता है। शिक्षक की शिक्षा पर निर्भर करता है कि वह राष्ट्रवादी नागरिक तैयार करता है या आतंकवादी। यह विचार जेबीएनटीटी की प्रिंसिपल श्रीमती अंजलि ने व्यक्त किए। वे डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में संचालित संत कँवरराम साहिब सिंधी अध्ययन केंद्र में शिक्षक दिवस पर आयोजित राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रही थीं। अध्यक्षता कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने विषय प्रवर्तन, प्रो. आर. के. सिंह ने एवं संचालन ज्ञानप्रकश टेकचंदानी सरल ने किया।

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इस अवसर पर कंचन लखमानी, लवली खटवानी, संगीता खटवानी, प्रिया शर्मा, अनुपमा लालवानी, वंदना साधवानी, सीमा राजपाल, शालिनी राजपाल, मनीष वरियानी आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जो बालक का सर्वांगीण विकास करने को तत्पर हों वह ही शिक्षक है। जो बच्चे के अन्दर में छुपे हुए गुणों को बाहर निकालता है, उसे अपनी पहचान दिलवाता है।

इस अवसर पर समाज के मुखिया, ओमप्रकाश अंदानी, गिरधारी चावला, राजकुमार जीवानी, राजकुमार मोटवानी, राजा हेमनानी, अशोक मंध्यान, हरीश मंध्यान, रोशन तोलानी, प्रताप मंध्यान, जे॰पी॰ क्षेत्रपाल, सुमित माखेजा, नरेंद्र क्षेत्रपाल, उमेश जीवानी, व वेद राजपाल आदि उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के डाॅ॰ एल॰ के॰ सिंह, डाॅ॰ शिवकुमार, डाॅ॰ देवेष प्रकाश, डाॅ॰ सुधीर सिंह, अरूण सिंह, आषीश जायसवाल, अमन विक्रम सिंह, अनीता देवी आदि भी उपस्थित थे।

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