मठ, मंदिरों के पास सुरक्षा बलों की तैनाती
अयोध्या। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में एक बार हलचल फिर शुरू हो गई है। बुधवार को बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। जिसे लेकर जनपद में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बुधवार 30 सितंबर को लखनऊ की सीबीआई की विशेष अदालत विवादित ढांचा गिराए जाने पर अपना फैसला देगी। फैसले की पूर्व संध्या हिन्दू महासभा के पदाधिकारियों ने सरयू तट पर सभी को दोषमुक्त होने की प्रार्थना की। मामले में आरोपी सन्तोष दुबे को सम्मानित किया। हिन्दू संगठनों की कवायद को ध्यान में रखते हुए व कानून व्यवस्था नियंत्रण को डीआईजी/एसएसपी दीपक कुमार ने जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। राम नगरी 30 सितंबर को अभेद्य दुर्ग में तब्दील रहेगी। इस दौरान अयोध्या के सभी प्रवेश प्वाइंट्स पर सघन जांच अभियान चलाया जाएगा। दोपहिया वाहन हो या कार बिना जांच के राम नगरी में प्रवेश नहीं हो सकेगा। एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि सघन जांच के अलावा एलआईयू, पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में तैनाती कर दी गई है। पीएससी भी लगा दी गई है। मुख्य मुख्य जगहों पर सादे वर्दी में सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। सुरक्षा एजेंसियां व खुफिया एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। फैसले की संवेदनशीलता को देखते हुए अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था भी महत्वपूर्ण होगी। कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल व धारा 144 का सख्ती से पालन कराया जाएगा. किसी भी दशा में राम नगरी अयोध्या में भीड़ इकट्ठा नहीं होने दी जाएगी। बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी मणिराम छावनी महंत व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अध्यक्ष नृत्यगोपालदास जी महाराज स्वास्थ्य कारणों से कोर्ट में न जाकर अयोध्या में ही निर्णय सुनेंगे। बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने पहले ही सभी आरोपियों को दोषमुक्त करने की अपील की थी। इकबाल अंसारी का कहना था कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद अब मन्दिर निर्माण के साथ ही यह मुद्दा भी खत्म हो चुका है। अब शांतिपूर्ण माहौल में प्रभु श्रीराम का मंदिर बनना चाहिए। कोई विघ्न बाधा नही होनी चाहिए। इस प्रकरण में मुख्य रूप से लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, महंत नृत्यगोपालदास, साध्वी ऋतंभरा, रामविलास दास वेदांती, संतोष दुबे, पवन पांडे नाम प्रमुख हैं।
राम मंदिर मामले से जुड़े एक और ऐतिहासिक फैसले को लेकर अयोध्या सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच होगी। अयोध्या के सरयू घाट से लेकर मठ मंदिरों पर सुरक्षा के जवान मुस्तैद होंगे। सभी प्रवेश मार्गों पर सघन चेकिंग अभियान के तहत सुरक्षा को सख्त रखा जाएगा। कोरोना काल को देखते हुए भी जिला प्रशासन कोई भी छूट देने के मूड में नहीं है। विवादित ढांचे को लेकर 9 नवंबर 2019 में ही सुप्रीम कोर्ट ने जब अपना अंतिम फैसला सुनाया था तब भी अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। सीबीआई की अदालत 30 सितम्बर को 32 आरोपियों को लेकर अपना अंतिम निर्णय देगी। जिसको देखते हुए एसएसपी दीपक कुमार ने अयोध्या की सुरक्षा का कमान संभाल लिया है।