7 अक्टूबर की रात दो के छप्पर जले थे, मारपीट में 10 घायल हुए थे
अयोध्या। रौनाही थाना क्षेत्र के भग्गू पुरवा में आबादी की जमीन पर कब्जे को लेकर 7 अक्टूबर की रात जमकर बवाल हुआ था। दो के छप्पर जलाए गए थे।दोनों पक्षों में मारपीट के दौरान 10 से अधिक घायल हुए थे। जिसमें शनिवार को एक घायल ने दम तोड़ दिया। अयोध्या जिला अस्पताल में भर्ती निषाद समुदाय के एक अधेड़ की मौत से गांव में एकबार फिर तनाव बढ़ गया है। घायल झगरू निषाद की मौत के बाद गांव में पुलिस तैनात कर दी गई है। हो गई। जिस आबादी की जमीन पर कब्जे को लेकर घमासान हुआ उसका कोर्ट से स्टे ऑर्डर है। निषाद पक्ष उस जमीन पर दरवाजा लगा रहा था। जिसके विरोध में जबरदस्त मारपीट व दो छप्पर भी जलाए गए थे। पुलिस मामले की जांच कर रही थी कि निषाद पक्ष के घायल की मौत से अब सियासत भी गरमा गई। बीकापुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक व मंत्री रहे आनंदसेन ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया था। पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया था। घायल झगरू निषाद की मौत की सूचना पर पीड़ित परिवार से मिलने पूर्व मंत्री व सपा के राष्ट्रीय सचिव अवधेश प्रसाद पहुंचे। परिवार को सांत्वना दिया। पीड़ित परिवार से मिलने के बाद कहा कि जिले में अराजकता का आलम यह है कि दबंग कहीं भी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे देते हैं। पुलिस प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहता है । झगरू निषाद हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। ऐसे में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार को 25लाख रुपये का मुआवजा तत्काल दिया जाए। पूर्व मंत्री आनंद सेन यादव ने कहा कि झगरू निषाद की हत्या से क्षेत्र में रोष व्याप्त है। अगर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती तो यह हत्याकांड ना होता ।उन्होंने आरोप लगाया कि दोषियों पर पहले भी पुलिस कार्रवाई करने से कतराती रही और हल्के मामलों में उसे छोड़ दिया। जिसके बाद इस बड़े घटना को अंजाम दिया गया। मांग किया कि पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व परिजनों को 25 लाख मुआवजे की धनराशि सरकार प्रदान करे। जिला उपाध्यक्ष एजाज अहमद, प्रवक्ता चौधरी बलराम यादव, अनिल यादव, बबलू, जय सिंह यादव, त्रिभुवन प्रजापति, अशोक वर्मा आदि शामिल रहे।