कुरीतियों के चलते महिलाओं व बालिकाओं को नहीं मिल रहा पूर्ण अधिकार: अभिषेक आनन्द
अयोध्या। सामाजिक, धार्मिक, शैक्षिक और पारिवारिक परिस्थितियां महिलाओं और बालिकाओं के लिए अनादि काल से भेदभाव पूर्ण रही हैं फलस्वरूप वे अपने जीवनसंरक्षण स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती हैं। समाज में अभी प्रचलित कुरीतियां एवं भेदभाव जैसे कन्या भूण हत्या, आसामान लिंगानुपात, बाल विवाह एवं बालिकाओं के प्रति नकारात्मक सोच के कारण महिलाओं एवं बालिकाओं को उनका पूर्ण अधिकार नहीं मिल पा रहा है।
उक्त उद्गार कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समीक्षा बैठक के दौरान प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक आनंद ने व्यक्त करते हुए बताया कि इन सामाजिक कुरीतियों को दूर करने हेतु सरकारी एवं गैर सरकारी स्तर पर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत प्रदेश की सरकार द्वारा बालिकाओं एवं महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ विकास के नए अवसर प्रदान करने हेतु ‘‘कन्या सुमंगला‘‘ योजना प्रारंभ कर नई पहल की है इस योजना को सरकार एवं शासन की महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता के दृष्टि से देखा जाना चाहिए।
प्रभारी जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक आनंद ने बताया कि इस योजना के लागू होने से महिला एवं बालिकाओं के स्वास्थ्य एवं शिक्षा की स्थिति में सुधार होगा कन्या भ्रूण हत्या समाप्त होंगे सामान लिंगानुपात स्थापित होगी बाल विवाह की कुप्रथा रुकेगी तथा बालिका के जन्म के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच विकसित करना एवं उनके उज्जवल भविष्य की आधारशिला रखना है। उक्त योजना के तहत कन्या सुमंगला योजना को 6 श्रेणियों में बांटा गया है जिसके तहत प्रथम-श्रेणी 1अप्रैल 2019 के पश्चात जन्म ली बालिका को एकमुश्त 02 हजार रूपये, दितीय-श्रेणी बालिका के 1 वर्ष तक पूर्ण टीकाकरण के उपरांत 1हजार रूपये, श्रेणी-3 कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरांत एकमुश्त 2हजार रूपये, श्रेणी-4 के अंतर्गत कक्षा 6 में बालिका के प्रवेश के उपरांत एकमुश्त 2 हजार रूपये, श्रेणी-5 के अंतर्गत कक्षा 9 में बालिका के प्रवेश के उपरांत एकमुश्त 3 हजार रूपये तथा श्रेणी-6 के अंतर्गत ऐसी बालिकाएं जिन्होंने कक्षा बारहवीं उत्तीर्ण करके स्नातक डिग्री या कम से कम 2 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हो को एकमुश्त 5 हजार रूपये प्रदान किए जाएंगे।
महिला कल्याण विभाग के जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह ने बताया कि उक्त योजना के तहत आवेदन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन किसी भी प्रकार से किया जा सकता है उक्त योजना की पात्रता के तहत लाभार्थी उत्तर प्रदेश का निवासी हो उसकी पारिवारिक वार्षिक आय 3लाख से अधिक ना हो तथा लाभार्थी के परिवार का आकार साइज अर्थात परिवार में अभिभावक दो बच्चे हो किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमान होगा। यदि किसी महिला को पहले प्रसव में बालिका है वह द्वितीय प्रसव में जुड़वा बालिका ही होती है तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा। अधिक जानकारी के लिए किसी कार्य दिवस में कार्यालय जिला प्रोबेशन अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है।