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अवध विवि की मुख्य परीक्षा को लेकर हुई कार्यशाला

नकल विहीन परीक्षा कराना विश्वविद्यालय की शीर्ष प्राथमिकता : प्रो. मनोज दीक्षित

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द सभागार में मुख्य परीक्षा-2019 के सुचारू रूप से संचालन हेतु विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय के प्राचायों एवं केन्द्राध्यक्षों की कार्यशाला आयोजित की गयी। इसकी अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने की।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि हमारे सभी केन्द्राध्यक्ष विश्वविद्यालय के दूत के रूप में है। आप सभी का यह दायित्व है कि परीक्षा की सुचिता बनाये रखने के लिए नकल विहीन परीक्षा कराना विश्वविद्यालय की शीर्ष प्राथमिकता में है। परीक्षा को सहजता से कराना ही आप सभी की जिम्मेदारी बनती है। विश्वविद्यालय की वेबसाइट को आप लोग निरन्तर देखते रहे ताकि आवश्यक सूचनाओं से आप अवगत होते रहे। प्रदेश सरकार के निर्देश के क्रम में नकल विहीन परीक्षा कराना विश्वविद्यालय का दायित्व है। प्रो0 दीक्षित ने बताया कि सभी केन्द्राध्यक्ष यह सुनिश्चित कर ले कि महाविद्यालय के प्रबन्धकों को परीक्षा केन्द्रों से दूर रखा जाये यदि प्रबन्धकों की उपस्थिति किसी भी केन्द्र पर उपस्थित पायी जाती है तो उसकी सूचना विश्वविद्यालय को अविलम्ब देनी होगी। विगत् वर्ष की भांति नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। विश्वविद्यालय को अब प्रदेश स्तर ही नही राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है। परीक्षा की पारदर्शिता से छात्र-छात्राओं की शिक्षा में गुणवत्तापरक सुधार भी होगा। आने वाले दिनों में प्राइवेट विश्वविद्यालयों की चुनौती बड़ी होगी इसके लिए हमें तैयार रहना होगा। प्रति कुलपति प्रो0 एस0एन0 शुक्ल ने कहा कि पिछले वर्ष की परीक्षा में विश्वविद्यालय ने कुछ तकनीकी प्रयोग किये थे जो काफी सफल रहे और उसके सकारात्मक परिणाम दिखायी दिये। नकल विहीन परीक्षा कराने में प्रयुक्त तकनीक की अहम भूमिका रही। सभी केन्द्राध्यक्षों के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रो0 शुक्ल ने बताया कि तकनीकी प्रयोग का श्रेय कुलपति जी को जाता है। इसकी वजह से विश्वविद्यालय की पहचान प्रदेश के अग्रणी संस्थानों में की जा रही है। विश्वविद्यालय द्वारा छात्रो के लिए यूआईएन कोड का प्रयोग काफी सराहा जा रहा है। 2001 के बाद पहली बार विश्वविद्यालय ने केन्द्राध्यक्षों की नियुक्ति समय से कर ली है। इससे विश्वविद्यालय की गुणवत्तापरक छवि में काफी सुधार हुआ है। इस बार की परीक्षा पूरी तरह तकनीक पर ही आधारित है। परीक्षा को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए 20 विशेष टीमों का गठन किया है जो महाविद्यालयों की परीक्षा की सुचिता को मानीटर करेगी एवं सचल दल दस्तों का भी गठन हो गया है। सी0सी0टीवी0 कैमरों के समक्ष ही प्रश्न-पत्रों को खोला जायेगा।
परीक्षा नियंत्रक उमानाथ ने बताया कि 25 फरवरी, 2019 से प्रारम्भ हाने वाली परीक्षा के लिए 19 नोडल सेंटर एवं 399 परीक्षा केन्द्र बनाये गये है। सम्बन्धित जिलों के जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को परीक्षा की सूचना उपलब्ध करा दी गयी है। इस वर्ष मुख्य परीक्षा में लगभग 5 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के सम्मिलित होने की संभावना है। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि प्रवेश-पत्र छात्रो को विश्वविद्यालय की वेबसाइट से डाउनलोड करना होगा। उप कुलसचिव डॉ0 विनय कुमार सिंह ने बताया कि सभी केन्द्राध्यक्ष एवं प्राचार्य विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गई निर्देश पुस्तिका 2019 का गहन अध्ययन कर ले ताकि परीक्षा केन्द्रो पर किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। कार्यशाला में उपस्थित महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 करूणेश तिवारी एवं अन्य ने केन्द्राध्यक्षों ने प्रवेश-पत्र को विश्वविद्यालय द्वारा आनलाइन किये जाने पर कुलपति जी के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यशाला का संचालन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ0 राजेश सिंह ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं केन्द्राध्यक्षों की उपस्थिति रही।

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