-राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस के अवसर पर कार्यशाला का आयोजन
अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्व विद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय सभागार में राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस के अवसर पर “अवध क्षेत्रों में सतत जलीय कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने तथा पीएम एमएसवाई एवं पीएम एमकेएसएसवाई” विषय पर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति कर्नल डा. बिजेंद्र सिंह एवं विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डा. रवींद्र कुमार ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस मौके पर कुलपति ने पांच जनपदों के प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि मछली जलीय पर्यावरण पर आश्रित होतीं हैं। जलीय पर्यावरण को संतुलित रखने में मछली की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मछलियों के स्वस्थ्य बीजों का विश्वविद्यालय से क्रय करके संचयन की सलाह दिया। मछलियों में लगभग 13 से 22 प्रतिशत प्रोटीन होता है। 01 से 3.5 प्रतिशत खनिज पदार्थ एवं 0.5 से 20 प्रतिशत वसा पायी जाती है।
कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, लोहा, सल्फर, मैग्नीशियम, तांबा, जस्ता, मैग्नीज, आयोडीन आदि खनिज पदार्थ मछलियों में उपलब्ध होते हैं। कुलपति ने कहा कि वर्तमान में मत्स्य पालन से 2 करोड़ 80 लाख लोगों का जीविकोपार्जन हो रहा है। मछली पालन में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ रही है, जो न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही है बल्कि उन्हें सशक्त भी बना रही है।
विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय मत्स्य अनुवांशिक संसाधन ब्यूरो लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डा. रवींद्र कुमार ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में मात्स्यिकी क्षेत्र का योगदान 1.1 प्रतिशत तथा कृषि में मात्स्यिकी का योगदान 6.72 प्रतिशत है। मछली उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश बेहतर स्थिति में है तथा वर्ष 2022-23 में कुल मत्स्य उत्पादन 9.15 लाख टन दर्ज किया गया। डा. रवींद्र ने कहा कि मत्स्य पालन से जुड़कर किसान अपनी आय को दोगुणी कर सकते हैं। किसानों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
अधिष्ठाता मात्स्यिकी महाविद्यालय डा. सी.पी सिंह के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। डा. सुमन डे ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया एवं संचालन डा आर्या सिंह ने किया। इस मौके पर डॉ. राधाकृष्णन, डॉ दिनेश कुमार, डॉ शशांक सिंह, डॉ ज्योति सरोज, डॉ. सुनील कांत वर्मा तथा डॉ. प्रदीप मौर्य, डॉ सुमित, अजय कुमार यादव, आर्या सिंह सहित पांच जनपद के किसान मौजूद रहे। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड हैदराबाद द्वारा वित्त पोषित था।इस अवसर पर एन एफ डी पी के सी एस सी हेल्प डेस्क द्वारा मत्स्य पालकों का पंजीकरण भी कराया गया।