-हाईटेंशन लाइन का 9 पोलों का तार चोरी, विभाग बेखबर, 6 माह बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट बनी चर्चा का विषय
मिल्कीपुर। अमानीगंज क्षेत्र में बिजली सप्लाई के लिए बनी लाइन पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया। चोर करीब 11 लाख कीमत के तार काट कर उठा ले गए। जब बिजली विभाग को इसकी जानकारी हुई तो हड़कंप मच गया। अवर अभियंता ने कुमारगंज थाने में केस दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। पुलिस का कहना है कि तहरीर मिली है। जांच पड़ताल की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 132 केवीए कुमारगंज बिजली घर से 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र अमानीगंज को विद्युत आपूर्ति होती है। लगभग 2 वर्षों से लाइन को विभाग ने बंद कर दिया था जिसके चलते यह विद्युत लाइन निष्प्रयोज्य हो गई थी। तारों में विद्युत प्रवाह न होने की वजह से चोरों ने कुमारगंज थाना क्षेत्र के कटघरा गांव के पास नौ पोल से तार खोल लिए। जानकारी होने के बाद अवर अभियंता मनोज कुमार ने मौके पर पहुंच जांच पड़ताल करने के बाद वायर चोरी के मामले की लिखित शिकायती प्रार्थना पत्र स्थानीय थाना पहुंचकर दी।
उपखंड अधिकारी मनोज कुमार मौर्य ने बताया कि कुमारगंज थाने में कार्यवाही के लिए तहरीर दी गई है।विभाग भी अपने स्तर से जांच कर रहा है। वहीं थाना प्रभारी निरीक्षक अमरजीत सिंह ने बताया कि बिजली विभाग की तरफ से तहरीर प्राप्त हुई है। मामले की जांच की जाएगी । वही स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्युत वायर करीब 6 माह से खंभे पर नहीं है। जब तक यहां से अमानीगंज की सप्लाई चल रही थी, तब तक लाइन ठीक थी। अगर देखा जाए तो जो प्राइवेट लाइनमैन थे, इन्होंने ही इसमें खेल किया होगा।
अब मामला जब बढ़ गया तो संबंधित अवर अभियंता ने अपनी बचत के लिए पुलिस में केस दर्ज करने के लिए तहरीर दिया है। विद्युत उपकेंद्र कुमारगंज के लिए तार चोरी का यह प्रकरण कोई नया नहीं है इससे पूर्व भी वर्ष 1990 में विभाग द्वारा एक एफआईआर दर्ज कराकर 25 किलोमीटर दूरी के सैकड़ो लोहे के पोल व उन पर लगे तार के चोरी होने की सूचना अंकित कराई थी जिनका मूल्य उस समय करोड़ों रुपए था।
समय-समय पर इस प्रकार की चोरियों से विभाग के आला अधिकारी मालामाल भले ही ना होते रहे हों परंतु अपनी गर्दन फसती देख यही अधिकारी एक प्रथम सूचना रिपोर्ट अंकित कराकर मामले को रफा दफा करा ही लेते हैं। अब देखना है कि वर्तमान समय में हुई चोरी का राज खोल पाने में स्थानीय पुलिस को कितनी सफलता मिल पाती है?