माइंड ,बॉडी ,मेडिसिन के होलिस्टिक कांसेप्ट पर विशेषज्ञ एकमत
अयोध्या। कोरोना संक्रमण का ग्राफ दिनोदिन बढ़ता जा रहा है, यद्यपि भारत मे रिकवरी रेट बेहतर हुआ हूं किन्तु अभी तक कोई प्रमाणिक उपचार ज्ञात नहीं है। सामयिक विषय पर भ्रांतियों के निर्मूलन हेतु गोरखपुर ल्यूमिनस द्वारा आयोजित वेबिनार में सभी चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञों व वैज्ञानिको ने कोरोना से बचाव व इम्युनिटी डेवलपमेंट के लिए चिकित्सा के होलिस्टिक एप्रोच को अपनाते हुए माइंड बॉडी व मेडिसिन के कांसेप्ट पर एकमत समर्थन किया। विषय पर शोध कर रहे माइक्रोबायोलॉजिस्ट जीबीयू नोयडा के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विश्वास त्रिपाठी ने कहा ऐसीई रिसेप्टर पुरुषों में अधिक होने के कारण यह संक्रमण अधिक उम्र के पुरूषों को अधिक प्रभावित करता है।डीआरडीओ के वैज्ञानिक डॉ अनंत नारायण भट्ट,ने आई एल 6 के कारण संक्रामकता के अध्ययन व ड्रग रिसर्च की जानकारी दी।भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के वैज्ञानिक डा अवनींद्र द्विवेदी ने आहार विहार विचार शुद्धि से इम्युनिटी डेवलमेंट की बात कही।
अयोध्या से होम्योपैथी महासंघ के महासचिव एवं आरोग्य भारती अवध प्रान्त के सहसचिव डा उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने महामारी के सामान्य लक्षणो के आधार पर सीसीआरएच द्वारा सुझाई गई होम्योपैथी की औषधि के बारे में बताते हुए कहा यह समुद्री जीव या भोजन की विषक्तता से व्युत्पन्न विकारों, मानसिक बेचैनी, शारीरिक कमजोरी, बीमारी व जीवन के भय जनित रोगों के लिए सर्वोत्तम है। डॉ त्रिपाठी ने चिकित्सा की होलिस्टिक एप्रोच में एलोपैथिक मैनेजमेंट, आयुर्वेदिक भारतीय आयुर्वेद में वर्णित प्राकृतिक चिकित्सा सिद्धांतों पर शक्तिकृत होम्योपैथिक औषधियों, आहार , जीवन मे योग के नियमन से इम्युनिटी के डेवलपमेंट के माध्यम से रोगों से बचाव की संभावनाओं का सुझाव दिया। अयोध्या से इंजीनियर रवि तिवारी द्वारा हवा से संक्रमण फैलने की संभावना पर डॉ त्रिपाठी ने बताया विषाणु सीधे तो हवा से नही फैलता ,यदि किसी संक्रमित व्यक्ति की छींक या थूक से अत्यंत छोटी बूंदों एरोसॉल के रूप में हवा में रह सकता है, जो उसके हट जाने के बाद भी सम्पर्क में आये किसी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। वेबिनार के आयोजक डा प्रयागदत्त पांडेय ने वार्ताकार विशेषज्ञों, दयानन्द आयुर्वेदिक कालेज बिहार के प्रो. कमलेश पांडेय, भोपाल के वरिष्ठ चिकित्सक डा रतन वैश्य, दिल्ली सरकार में चिकित्सक डा नीरज त्रिपाठी,व डा हर्षित जायसवाल सन्दीप मिश्र, सन्दीप शर्मा, शरद चन्द्र, सूर्य प्रकाश, विध्याचल, अनुराग, दीनदयाल, डॉ ओंकार नाथ, पूजा रॉय, रामनारायण, रजनीश, राजेश, रामेश्वर आदि का विषय प्रबोधन व सहभागिता के लिएका आभार व्यक्त किया।