-भू जल जन जागरूकता कार्यक्रम के तहत हुई संगोष्ठी
बीकापुर। जल एक सीमित संसाधन है इसका दुरुपयोग न करें। जिसकी न तो प्रतिस्थापना या प्रतिलिपि की जा सकती है और न ही व्यावसायिक उत्पादन किया जा सकता है। भविष्य के लिए इसे संरक्षित करें। यदि जल का दुरुपयोग ना रुका तो आने वाले समय में धरती पर जीवन संकट में पड़ सकता है। उक्त बात आज विकासखंड बीकापुर सभागार मे लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित भूजल जन जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत भूजल संगोष्ठी को संबोधित करते हुए खंड विकास अधिकारी बीकापुर चंद्र प्रकाश उपाध्याय ने कहां।
भूजल संगोष्ठी को संबोधित करते हुए खंड विकास अधिकारी श्री उपाध्याय ने बताया कि धरती में जल तेजी से कम हो रहा है। मानव की नासमझी से धरती में ऊपरी सतह का जल काफी दूषित भी हो चुका है । पृथ्वी में केवल 2.7 प्रतिशत स्वच्छ जल है । हम आप अभी समझ नहीं पा रहे हैं भविष्य के लिए जल बचाएं अन्यथा धरती पर जीवन संकट में पड़ जाएगा। आइए हम आज से अभी से जल बचाने का संकल्प लें। 16 से 22 जुलाई तक मनाए जा रहे भूजल सप्ताह के तहत आज विकासखंड बीकापुर में आयोजित इस संगोष्ठी को संबोधित करते हुए संयुक्त खंड विकास अधिकारी बद्री प्रसाद वर्मा ने बताया कि जन – जन तक जल पहुंचाना है तो जल संरक्षण अपनाना ही पड़ेगा ।
शरीर पांच तत्वों से बना है जिसमें जल एक महत्वपूर्ण तत्व है, जल के बगैर जीवन संभव नहीं है। स्वच्छ एवं शुद्ध पानी अनोखा पदार्थ है इसलिए इसका महत्व समझना व इसे संरक्षित करना आवश्यक है। विकास खंड सभागार में आयोजित भूजल गोष्ठी को संबोधित करती हुई भूगर्भ जल विभाग की हाइड्रोलॉजिस्ट सपना सिंह एवं लघु सिंचाई विभाग के अवर अभियंता अजय गौतम ने गोष्ठी में उपस्थित जनसमूह को बहुमूल्य जल बचाने के कुछ महत्वपूर्ण सुझावो जैसे आवासीय कालोनियों में रूफटॉप रेन वाटर सिस्टम लगाकर वर्षा जल को धरती में संरक्षित करने, नल व टूटी के लीकेज को अनदेखी न करने। कार आदि धोने के लिए पाइप का प्रयोग न करने बाल्टी का प्रयोग करने।
ब्रश करते समय टोटी को खुला मत छोड़ने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। गोष्टी को मुख्य रूप से सहायक विकास अधिकारी , बद्रीनाथ पांडे, अजय तिवारी, अवनीश शुक्ला, राजेश चौधरी, , अवधेश प्रताप सिंह, विजय कुमार, दीक्षा गुप्ता, राजकमल लोधी ,शुभम शुक्ला, अंजू वर्मा,कमलेश वर्मा, सृष्टि सिंह, एपीओ दानिश जमाल ,टीए संजय श्रीवास्तव राम मनोहर गुप्ता ने भी संबोधित किया।