जिला योजना 2020-21 में 40046.00 लाख की जिला योजना परिव्यय बैठक में किया गया अनुमोदित
अयोध्या। जनपद के प्रभारी मंत्री/(राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य, प्रोटोकाल डा. नीलकंठ तिवारी ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला योजना समिति 2021-22 के बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा कि अयोध्या अति विशिष्ट नगरी है हम लोग भाग्यशाली है कि इस गौरवशाली नगरी की सेवा करने का अवसर मिला है और हम लोगों को अयोध्या के विश्व की सबसे सुंदर नगरी बनाने में अपना आमूल्य सहयोग प्रदान करना चाहिए। अयोध्या धाम को विश्व के सबसे सुंदर नगरी बनाने के लिए विजन डाक्योमेंट बन चुका है और बहुत से मदो में केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा कई मदों में धन भी आवंटित कर दिया गया है। जिला योजना के परिव्यय पर चर्चा करते हुये मा0 मंत्री जी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि हर ब्लाक में एक मॉडल विद्यालय बनाने पर विचार करें तथा ऐसे कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है जो किराये पर चल रहे हो उनके लिए भूमि चिन्हित कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाय।
आयुर्वेद का भी एक अच्छा अस्पताल जिले में होना चाहिए। इस पर भी कार्य किये जाने की आवश्यकता है। स्वच्छता मद में जिला योजना के अन्तर्गत कम धनराशि आवंटित हुई है इसको बढ़ाया जाय। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था के अन्तर्गत लगे ट्रांसफार्मर आदि की मरम्मत आदि के लिए भी जिला योजना में धन की व्यवस्था करायी जाय। उन्होंने बताया कि पहली बार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के जीर्णोद्वार के लिए बजट की व्यवस्था की गयी है। जिला विद्यालय निरीक्षक ऐसे विद्यालय को चिन्हित कर शासन से उनके जीर्णोद्वार के लिए प्रस्ताव भेजे। बैठक में उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि वर्षा के कारण जिनके मकान आदि गिर गये है उन्हें प्राथमिकता के आधार पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाये उसमें विलम्ब न होने पाये इस पर जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा कि सर्वे कराया जा रहा है और कुछ लोग जिनका काफी नुकसान हुआ था और आर्थिक रूप से बहुत कमजोर लोग थे उनको 24 घंटे के अंदर उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही शेष अन्य सभी पीड़ितों को आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती अनिता यादव द्वारा जिला योजना परिव्यय/रूपरेखा का व्यौरा प्रस्तुत किया तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा जिन बिन्दुओं/समस्याओं को उठाया गया उसका निराकरण जिलाधिकारी द्वारा निराकरण किया गया।
जिलाधिकारी ने बैठक में बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में अनुमोदित परिव्यय रू0 40046.00 लाख के सापेक्ष मार्च 2021 तक रू0 30697.91 लाख अर्थात् 76.65 प्रतिशत धनराशि अवमुक्त एवं व्यय हुई। जनपद की जिला योजना को प्रभावी बनाने के लिए बेरोजगारी दूर करने, गरीबी उन्मूलन, आर्थिक अवस्थापना सुविधाओं तथा सामाजिक समरूपता पर बल देते हुये शासन से प्राप्त दिशा निर्देशों को ध्यान में रखते हुये संरचित की गयी है। वर्ष 2021-22 में शासन द्वारा लागू की गयी जिला योजना संरचना की नवीन प्रक्रिया के अनुसार केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं सहित जनपद की ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायत के अन्तर्गत गठित विकास योजना समितियों द्वारा उनकी स्थानीय आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुये जो कार्यक्रम एवं कार्य योजनाएं प्रस्तावित की गयी है उन सभी कार्यक्रमों एवं योजनाओं को सम्मिलित करते हुये जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों हेतु सम्यक रूप से जो कार्यक्रम एवं आवश्यकताएं इंगित की गयी है वे इस प्रकार है-
1.सोलर स्ट्रीट लाइट 400, 2.शिक्षामित्र का मानदेय के लाभार्थियों की संख्या 1881, 3.प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मिड-डे मिल से लाभान्वित बच्चों की संख्या 217933, 4.प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास 3800 नग, 5.स्वच्छ शौचालय 4995 नग, 6.लघु एवं सीमांत कृषकों की सहायता अन्तर्गत लाभार्थियों की संख्या 10500, 7.संस्थागत प्रसव हेतु जेएसवाई भुगतान, आशा बहुओं का मानदेय, प्रेरक का मानदेय, गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण मानदेय एवं प्रोत्साहन राशि सम्बंधित लाभार्थी संख्या 195188, 8.सड़क निर्माण/गड्ढामुक्त 77.10 किमी0, 9.प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अवस्थापना एवं भवन निर्माण 8 नग, 10.वृद्वावस्था एवं दिव्यांगजन एवं पति की मृत्यु के उपरांत निराश्रित महिला पेंशन 74640 लाभार्थी प्रस्तावित है।
जनपद की उपरोक्त आवश्यकताओं एवं कार्यक्रमों के परिप्रेक्ष्य में जनपद हेतु उपलब्ध संसाधन, आवंटित लक्ष्य एवं शासन से प्राप्त मार्ग निर्देशों को दृष्टिगत रखते हुये वित्तीय वर्ष 2021-22 की संरचित जिला योजना में रू0 27187.07 लाख पंजीगत मदों में परिसम्पत्तियों के सृजन हेतु आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रस्तावित है। केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं के लिए केन्द्रांश की धनराशि रू0 22545.96 लाख प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना के अन्तर्गत रू0 4560.00 लाख प्रस्तावित है। एनआरएलएन योजना के अन्तर्गत रू0 689.04 लाख प्रस्तावित है। जिसके द्वारा 1200 समूह के स्वरोजगारियों को विभिन्न व्यवसायों में वित्तपोषित कराकर स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। सामाजिक वानिकी कार्यक्रम के अन्तर्गत विगत वर्षो में कराये गये वृक्षारोपण कार्य के लिए वचनबद्व तथा नये प्रस्तावित कार्यो के लिए रू0 3040.86 लाख प्रस्तावित है।
कल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत छात्रवृत्ति/पेंशन/शादी विवाह अनुदान/अत्याचार पीड़ित सहायता पारिवारिक लाभ एवं महिला कल्याण आदि प्रदान किये जाने हेतु कुल रू0 5725.93 लाख का प्रस्तावित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के अन्तर्गत सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्थापना/परिवार कल्याण योजनाओं हेतु कुल रू0 1699.69 लाख का परिव्यय प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों में सीसी रोड एवं केसी ड्रेन निर्माण हेतु रू0 220.00 लाख प्रस्तावित है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अन्तर्गत रू0 12132.73 लाख प्रस्तावित है। मुख्य पर्यटन स्थलों के विकास हेतु रू0 150.00 लाख का परिव्यय प्रस्तावित है। बैठक में जनप्रतिनिधिगणों द्वारा सड़क, प्राथमिक विद्यालयों की मरम्मत, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की मरम्मत एवं अन्य जनसुविधा सम्बंधी बिन्दुओं की मांग की गयी, जिस पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि आप लोग जो भी बिन्दु है लिखकर दे दें उसको जिला योजना या अन्य योजनाओं में शामिल कर लिया जायेगा तथा अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों की बात प्राथमिकता से सुनने और उनके सुझावों को शामिल करने हेतु सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि आलोक सिंह, सांसद प्रतिनिधि ओमप्रकाश सिंह, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा, मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती अनिता यादव, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय के अलावा जिला योजना में शामिल 46 विभागों के अधिकारियों/प्रतिनिधियों एवं जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया जिसमें जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत तथा जिला योजना नियोजन समिति के नामित सदस्य आदि उपस्थित थे, जिसमें उपनिदेशक सूचना डा0 मुरलीधर सिंह सहित, पुलिस अधीक्षक नगर, अपर जिलाधिकारी नगर, परियोजना निदेशक, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी गणमान्य व्यक्ति आदि उपस्थित थे।