रामनगर व सुमेरपुर गांव में कराया जा रहा सैनिटाइज
मिल्कीपुर। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में अमानीगंज विकासखंड के रामनगर व पूरा उर्फ सुमेरपुर गांव में कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद गांव में प्रशासनिक चहल कदमी बढ़ गई है । प्रशासन द्वारा दोनों गांवों को सैनिटाइज करा कर सील किया जा रहा है।
अमानीगंज ब्लॉक के ग्राम रामनगर निवासी तीन युवक व पूरा उर्फ सुमेरपुर के एक युवक की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सभी प्रवासी मजदूर समूह में अपने गांव वापस आए हैं ग्रामीणों की माने तो एक युवक मध्य प्रदेश के इंदौर शहर से अपने दर्जनभर साथियों के साथ 11 मई को गांव आया था। जिसमें से 14 दिन का क्वारंटीन समय पूर्ण करने के बाद एक युवक की तबीयत खराब होने पर उसने अपनी जांच कराई और रिपोर्ट पॉजिटिव आई। टिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके साथ आए और अन्य साथियों में भी कोरोनावायरस होने का खतरा बढ़ गया है हालांकि अन्य लोगों में न तो कोई लक्षण दिखे हैं और न ही उनका अब तक मेडिकल चेकअप कराया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में परिवार के चार लोग उनके संपर्क में आए हैं। युवक 17 मई को अमृतसर से रामनगर आए थे उनके संपर्क में उनके परिवार के 5 लोग आए हैं। दूसरा युवक दिल्ली के नजफगढ़ 16 मई को गाँव आया था। अब तक परिवार के 8 सदस्यों के संपर्क में आने की पुष्टि हुई है। पूरा उर्फ सुमेरपुर का युवक 17 मई को अहमदाबाद से आया था। तबियत खराब होने पर जांच कराई गई तो कोरोना पाए गए। रामनगर गाँव में उपजिला अधिकारी मिल्कीपुर अशोक कुमार शर्मा, क्षेत्राधिकारी जयप्रकाश सिंह सहित राजस्व प्रशासन नें भी गाँव का दौरा किया। अमानीगंज सीएचसी प्रभारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि गांव को सेनीटाइज कराया जा रहा है स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की 5 टीमें गठित कर मरीज की कांटेक्ट हिस्ट्री तैयार की जा रही है। थानाध्यक्ष खण्ड़ासा सुनील कुमार सिंह ने बताया कि गांव को सील कराया जा रहा है।
कम्युनिटी ट्रांसफर का बढ़ा खतरा
अमानीगंज। रामनगर अमावा सूफी में पाये गए तीन कोरोना पॉजिटिव में से एक युवक को स्वस्थ्य विभाग के अभिलेखों के अनुसार 11 मई को आया था और 14 दिन का होम क़्वारनटीन समय को पूरा करने के बाद पिछले दो-तीन दिनों से पास पड़ोस के गाँव में उसका आना जाना शुरू हो गया था जबकि उसके साथ आये दर्जन भर उसके अन्य साथी लगतार क्षेत्र में चहलकदमी कर रहे है और अब तक उनकी मेडिकल जांच तक नही हुई जिससे ग्रामीणों में अजीब सा डर देखा जा रहा है।