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विजय कुमार गुप्ता हत्याकांड : प्रशासनिक अधिकारी समेत छः को उम्रकैद

-अभियुक्तों को भुगतनी होगी 23 साल की भी सजा, प्रत्येक अभियुक्तों पर 96 हजार रूपया का जुर्माना भी

अयोध्या। कोतवाली नगर क्षेत्र के साहबगंज मोहल्ले का बहुचर्चित विजय कुमार गुप्ता हत्याकांड में कलेक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी रामकृष्ण तिवारी उर्फ बड़कन, श्रीकृष्ण तिवारी उर्फ छोटकन, गगन श्रीवास्तव उर्फ गोगा, साजिद व अजय कुमार द्विवेदी समेत 6 लोगों को गैंगस्टर और हत्या समेत अन्य धाराओं में दोषी पाते हुए कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है साथ ही दोष सिद्ध सभी हत्या अभियुक्तों पर 23-23 साल की भी सजा दी गयी है। इसी के साथ प्रत्येक अभियुक्तों पर 96 हजार रूपये का जुर्माना भी ठोंका गया है। जुर्माने की रकम में से 80 फ़ीसदी वादी मुकदमा को प्रतिकर के तौर पर देने का आदेश भी दिया गया है । यह फैसला विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट के न्यायाधीश मोहिंदर कुमार की अदालत से सोमवार को भरी अदालत में सुनाया गया।

यह घटना अयोध्या जनपद के नगर कोतवाली अन्तर्गत साहबगंज मोहल्ले का 24 साल पुराना है। गैंगस्टर कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक विकास शुक्ला और जितेंद्र तिवारी ने अभियुक्तों को सजा दिलाने में जोरदार पैरवी किया। अभियोजन पक्ष के मुताबिक घटना 25 अप्रैल सन् 2000 की शाम 7 बजे की है। कोतवाली नगर के साहबगंज मोहल्ला निवासी श्यामसुंदर गुप्ता के भतीजे विश्वनाथ और गगन उर्फ गोगा श्रीवास्तव के बीच पान खाकर थूकने के मामले को लेकर विवाद हो गया। गोगा ने यह बात जाकर अपने घर बताया। वहां से श्रीकृष्ण तिवारी, रामकृष्ण तिवारी जो अब कलेक्ट्रेट में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद पर तैनात हैं व उनके भाई राजन उर्फ़ हरिकृष्ण तिवारी, भाजपा नेता श्रीकृष्ण तिवारी उर्फ छोटकन, गगन उर्फ गोगा श्रीवास्तव, साजिद तथा अजय कुमार द्विवेदी असलहा व तलवार से लैस होकर घटनास्थल पर पहुंचे और लाइसेंसी बंदूक तथा तमंचे से ताबडतोड़ फायरिंग करके विजय कुमार गुप्ता और और वादी श्याम सुंदर के पिता अयोध्या कुमार गुप्ता को जख्मी कर दिया ।

परिजनों ने घायल अवस्था में दोनों को जिला चिकित्सालय पहुंचाया जहां विजय कुमार को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया जबकि अयोध्या कुमार गुप्ता का कई दिनों तक इलाज जिला चिकित्सालय में चला। घटना से भयभीत आसपास के दुकानदारों में भगदड़ मच गयी दहशतजदा दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर दी और घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मामले में गिरोह बंद अधिनियम के तहत कार्रवाई भी सभी आरोपियों पर की थी । इसकी रिपोर्ट मृतक के पिता श्याम सुंदर गुप्ता ने सभी के खिलाफ जानलेवा हमला, हत्या ,जान से मारने की धमकी देने समेत अन्य धाराओं में यह मुकदमा नगर कोतवाली में अपराध संख्या 501/2000 के अन्तर्गत लिखाई थी। विवेचना के बाद पुलिस ने सभी धाराओं में आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया।

सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी 6 गैगस्टर अभियुक्तों को जानलेवा हमला, हत्या तथा गैंगस्टर अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया था। सोमवार को सजा के प्रश्न पर सुनवाई के बाद सभी को अभियुक्तों को हत्या की धारा 302 में कठोर आजीवन कारावास और 50 हजार रूपया जुर्माना, 307 में 10 साल का कठारे कारावास और 30 हजार रूपया जुर्माना, 504 में एक साल की सजा व एक हजार रूपया जुर्माना, 506 में दो की सजा व दो हजार रूपया जुर्माना, 7 क्रिमिनल एक्टर में 6 महा की सजा व 500 रूपया जुर्माना, गैंगस्टर एक्ट में पाच साल की सजा व 5 हजार रूपया जुर्माना तथा 147 व 148 में दो साल व तीन साल की सजा और 7 हजार रूपया जुर्माना किया गया है। इसी के साथ वादी मुकदमा को जुर्माने की 80 प्रतिशत धनराशि को प्रतिकर के रूप में देने का भी आदेश दिया गया है। न्यायाधीश ने सजा सुनाने के पश्चात सभी गैंगस्टर अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर कड़ी सुरक्षा के बींच जेल भेज दिया। इसके पहले सभी अभियुक्तों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल से न्यायालय में सोमवार को पेश किया गया था।

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Written by Next Khabar Team

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