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शास्त्र गुरुकुल में चयनित वटुको को किया गया सम्मानित

-श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ के 11छात्रों का हुआ है चयन

अयोध्या। भारतवर्ष के विभिन्न “शास्त्र गुरुकुल“ में चयनित गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ अयोध्या के बाटुको को किया गया सम्मानित अयोध्या श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ के 11छात्रों का चयन देश के विभिन्न शास्त्र गुरुकुल में हुआ उक्त जानकारी देते हुए श्री गुरु वशिष्ट सेवा न्यास के अध्यक्ष डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने बताया की वशिष्ठ गुरुकुल के 5 छात्र पुणे स्थित गणित शास्त्र के प्रसिद्ध गुरुकुल में एवं 4 छात्र चेन्नई के मेघा गुरुकुलम में व्याकरण शास्त्र के लिए हुआ जबकि इसके पूर्व गत वर्ष कर्नाटक के धारवाड़ से गृह गुरुकुल में 5 छात्र ज्योतिष शास्त्र न्याय शास्त्र की शिक्षा लेने गए।

श्री दीक्षित ने बताया की आगामी माह में उडुपी स्थित गुरुकुल में कृष्ण यजुर्वेद मीमांसा एवं न्याय शास्त्र का अध्ययन करने के लिए 5 बटुक जाएंगे चयनित सभी 11 बटुकांं को का श्री गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ के विशाल कक्ष में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें गुरुकुल के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य मनोज दीक्षित ने सभी छात्रों को अंग वस्त्र माला वस्त्र एवं आवश्यक खाद्य सामग्री देकर सम्मान पूर्वक विदा किया। श्री गुरु वशिष्ट सेवा न्यास के मंत्री एवं गुरुकुल के निदेशक डॉ दिलीप सिंह ने बताया की गुरुकुल के मेधावी छात्र आदित्य ब्रह्मचारी सत्यम ब्रह्मचारी तेजस ब्रह्मचारी एवं अखिल ब्रह्मचारी गणित शास्त्र का अध्ययन करने 5 वर्ष के लिए पुणे जाएंगे जबकि शिव ब्रह्मचारी अर्पित ब्रह्मचारी सूरज ब्रह्मचारी शौर्य ब्रह्मचारी व्याकरण करने चेन्नई के लिए रवाना हुए पूर्व में धारवाड़ कर्नाटक में ज्योतिष एवं न्याय शास्त्र का अध्ययन करने अमन ब्रह्मचारी, शिवम ब्रह्मचारी, आदर्श ब्रह्मचारी, अभिषेक ब्रह्मचारी ,जा चुके है इसी प्रकार 5 ब्रह्मचारी गुजरात के अहमदाबाद में वैदिक गणित की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं,

सम्मान समारोह के पश्चात अपने उद्बोधन में आचार्य मनोज दीक्षित ने 4 वर्ष पूर्व 29 मार्च 2018 में 20 बच्चों से प्रारंभ हुई है गुरु वशिष्ठ गुरुकुल विद्यापीठ के उत्तरोत्तर प्रगति पर प्रश्न उत्तर करते हुए कहा कि आज हमारे गुरुकुल से निकले हुए छात्र भारत के लगभग 6 प्रांतों में अध्ययन करने जा चुके हैं उक्त छात्र जहां एक और अपने माता पिता गुरु का नाम आने वाले सांस्कृतिक विश्व के इतिहास में अपना नाम दर्ज करेंगे विभिन्न शास्त्रों के आचार्य बनकर दसों दिशाओं में वैदिक विश्व गुरु भारत के विकास में सहयोगी बनेंगे।

इस अवसर पर जहां चयनित छात्रों के अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित थे वही नगर के गणमान्य नागरिक, गुरुकुल प्रबंध समिति के पदाधिकारी, एवं भारतीय शिक्षण मंडल के कार्यकर्ता उपस्थित थे, कार्यक्रम का संचालन गुरुकुल सभा समिति के प्रधानमंत्री आदित्य ब्रह्मचारी ने किया, अतिथियों का स्वागत गुरुकुल के प्रधानाचार्य दुखहरण नाथ मिश्र एवं आचार्य दीपक अवस्थी ने किया वशिष्ठ गुरुकुल के बच्चों द्वारा प्रस्तुत “जिस दिन वेद के मंत्रों से धरती को सजाया जाएगा उस दिन मेरे गीतों का त्यौहार मनाया जाएगा“ गीत का उपस्थित अभिभावक एवं माताओं ने खूब प्रशंसा की कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम गीत के साथ हुआ।

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