-डॉ. राघवेश दास महाराज आज बनेंगे वशिष्ठ पीठाधीश्वर
अयोध्या। ब्रह्म मुहूर्त की पावन बेला में गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार, रामर्चा पूजन के साथ वशिष्ठ पीठाधीश्वर समारोह शुरू हो गया। शुक्रवार को डॉ. राघवेश दास महाराज वशिष्ठ पीठाधीश्वर पद पर आसीन किए जाएंगे।वशिष्ठ पीठाधीश्वर समारोह हिन्दूधाम में आयोजित किया जा रहा है। यह धाम श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन जुड़े विहिप प्रमुख स्व. अशोक सिंघल, भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व सांसद विनय कटियार जैसे तमाम हिंदूवादी नेताओं की स्मृतियों को अपने अंदर समेटे है।
वशिष्ठपीठाधीश्वर वेदांती डॉ रामविलास दास के सानिध्य में विद्वान आचार्य रामानंद दास के दिशा निर्देशन में रामर्चा पूजन के साथ प्रारंभ हुआ। मुख्य यजमान डॉ विजय कुमार पाठक शाहजहांपुर व उनकी धर्मपत्नी अनुराधा पाठक रहीं। रामर्चा पूजन में डॉ रामविलास वेदांती और वशिष्ठ पीठाधीश्वर पद पर विभूषित होने वाले डॉ राघवेश दास महाराज ने भी रामर्चा पूजन किया। 5 अगस्त को दिन में 11 बजे संतो महंतों एवं वरिष्ठ नागरिकों के समक्ष पट्टाभिषेक और महंताई समारोह होगा। जिसमें हजारों शिष्य भक्त लोग सम्मिलित होंगे।
1998 में वेदांती महाराज ने घोषित किया था उत्तराधिकारी
-डॉ राघवेश दास वेदांती महाराज का बचपन से ही सनातन धर्म के प्रति अगाध अनुराग था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों से प्रभावित होकर 1989 में शाखा में जाने लगे तथा 2009 में तृतीय वर्ष प्रशिक्षण नागपुर से प्राप्त किया।1993 में अयोध्या आए और श्री महाराज जी के सानिध्य में संस्कृत का अध्ययन करने लगे। 1995 वें में वशिष्ठ पीठाधीश्वर डॉ रामविलास वेदांती महाराज के शिष्य बने और दिव्य कला कुंज संस्कृत विद्यालय से वेदांत में आचार्य की डिग्री ली और उसके बाद वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय गए जहां उन्होंने “श्रीमद् भगवते योगस्वरुप विर्मशः “ विषय से पीएचडी की उपाधि वेदांत विभाध्यक्ष पंडित राम किशोर त्रिपाठी के दिशानिर्देश में प्राप्त की।
श्री त्रिपाठी जी भी महाराज जी को आशीर्वाद देने के लिए महंताई समारोह में पधार रहे है।1998 में वेदांती महाराज ने राघवेश दास को वशिष्ठपीठ उत्तराधिकारी तकरुर सर्वराकार महंत बना दिये थे। उन्होंने प्राथमिक संस्कृत की शिक्षा गरुड़ध्वज संस्कृत महाविद्यालय कटनी मध्य प्रदेश में हुई और उस विद्यालय के शिक्षक पंडित कृष्ण दास पांडे ,श्री विमलेन्दु प्रसाद प्यासी और राष्ट्रपति पुरष्कृत पण्डित रामनारायणाचर्य मिश्र जी आशीर्वाद देने के लिए पधार रहे है।