–आल्हा गीतों में सर्वादिन ने कराया संस्कार संस्कृति इतिहास के गौरव का अमृतरसपान
अयोध्या। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर महावीरन देवस्थान लेदई पुरवा मवई कला में प्रातः तुलसी पूजन , सुंदरकांड, हवन के साथ लोक सांस्कृतिक संध्या एवं पारंपरिक मेले का महोत्सव भक्तिमय माहौल में सम्पन्न हुआ। कोरोनाकाल मे आयोजन केवल पूजन तक सीमित रहा।
प्रातः गांव की कन्याओं ने शिवानी के नेतृत्व में पुष्पमालिका रंगोली सज्जा व पूजन कार्यक्रम किया।दोपहर बाद मेले के स्थापना काल 1981 से दीनदयाल महावीर हनुमान जी को निरन्तर आल्हा गीत सुना रहे सर्वादीन तिवारी ने अपनी मंडली के साथ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों , लोकरीति संस्कृति व संस्कार को अल्हागीतों में पिरोकर अमृत महोत्सव की संध्या पर महारानी लक्ष्मीबाई व स्वतंत्रतासेनानियों को याद किया। उपस्थित होम्योपैथी महासंघ एवं आरोग्य भारती अवध के सहमंत्री डॉ उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने कहा पीढ़ियों से गांव की माटी में बसी भारतीयता के भाव की विरासत को संभालने की जिम्मेदारी हमारी है , हमें एक दिन आपसी मनमुटाव भुलाकर अपने गांव के देवस्थानो पर पूजा आरती व सभी पारंपरिक आयोजन सभी परिवारों के साथ बिना भेदभाव के करने चाहिए जिससे हमारी आपसी मनमुटाव भी दूर होंगे स्नेह,सहयोग,एकता व वसुधैव कुटुंब का वही भाव विकसित होगा जैसे हमारे पूर्वजों में रहा।
संयोजक मनोकनिका तिवारी ने वर्षों से अल्हागीतों में साथ रहने वाले पांडे जी के एक दिन पूर्व निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की और गांव वालों की मंशा के अनुरूप चबूतरे के निर्माण कराए जाने का विश्वास व्यक्त किया। व्यवस्थापक बृजेन्द्र तिवारी ने गांव के बच्चों के लिए खेल कूद, पढ़ाई के लिए एकल शिक्षा केन्द्र, व दीनदयाल आयुष केंद्र की योजना पर भी भविष्य में जोड़े जाने के प्रयास सहयोग से पूरे होने की संभावना जताई।इस अवसर पर समरजीत, रंजीत, मानिकलाल, विक्रमा, जगनारायण,रामचन्द्र, इंद्रदेव शुक्ल, अर्जुन शुक्ल, कवि सरल , सचिन, प्रो ज्ञानेंद्र मणि त्रिपाठी, इंजीनियर सौरभ, एडवोकेट धीरेंद्र मणि, एडवोकेट अमित मिश्रा आदि उपस्थित रहे।