अयोध्या। कोविड 19 कोरोना वायरस को देखते हुए उर्स शहीदे मिल्लत में बाहर से आने वाले जायरीनों के लिए पाबन्दी लगाई गई है। मोहल्ला दुराहीकुंआ फायर स्टेशन के बगल में स्थित हुज़ूर शहीदे मिल्लत प्रत्येक वर्ष मई माह की 14 व 15 तारीख को मनाया जाता है, इस बार कोविड 19 कोरोना वायरस को देखते हुए दरगाह गद्दीनशीन पीर तरीक़त सैय्यद एखलाक अहमद ने ये निर्णय लिया है कि इस बार बाहर से आने वाले मुरीदों(शिष्य) के शिरकत करने पर रोक रहेगी।
जो भी अकीदतमंद है वे अपने घरों में रह कर हुज़ूर सैय्यद शाह मुज़फ्फर क़ुद्स सिररहु की नज़र करें और दुआ करें कि इस मुल्क और दुनिया से ये वबा जिसे कोरोना वायरस कहा जा रहा है उसका खत्मा हो। उन्होंने ये भी कहा कि उर्स में केवल खानदान के ही लोग शामिल होकर रस्म की अदायगी करेंगे और मुल्क की बेहतरी के लिए दुआ करेंगे। पीर तरीक़त सैय्यद एखलाक अहमद ने ये भी बताया कि उनकी ज़ौजा(पत्नी) सैय्यदा शमीम फात्मा का विसाल(मृत्यु) भी इसी माह 19 मई को हुआ है और उनके बेटे साहबे सज्जादा भी काफी बीमार है मुरीदीन(शिष्य) उनके सेहत के लिए भी अल्लाह से दुआ करें।
बतादें कि 14 वे 15 मई को प्रत्येक वर्ष दो दिवसीय उर्स का आयोजन यंहा होता है जिसमें हजारों की संख्या में हुज़ूर शहीदे मिल्लत को मानने वाले यंहा अक़ीदत के साथ पहुंचते हैं। इस दो दिवसीय उर्स में दोनों ही दिन लंगर का भी आयोजन होता है। कोविड 19 कोरोना वायरस की इस महामारी को देखते हुए उर्स के आयोजक ने अपने सभी मुरीदों को सख्त हिदायत दी है कि वे शासन के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन और कोविड 19 के नियमों का पालन कर अपने घरों में ही रहकर हुज़ूर शहीदे मिल्लत को याद करें और खिराजे अक़ीदत पेश करें।