– ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने जताई उम्मीद, जनवरी में शुरू हो जाएगा निर्माण कार्य
अयोध्या। भगवान श्री राम की जन्म स्थली राम नगरी का विभिन्न कालखंड में उजड़ना और फिर से बसना तथा मोक्षदायिनी सरयू का इसके बगल से बहना प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण के लिए बाधा बन गई है। ऐतिहासिक नागर शैली में बनने वाले प्रस्तावित राम मंदिर की सुरक्षा के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रिटेनिंग वॉल का निर्माण कराएगा। इसको लेकर विशेषज्ञों की 8 सदस्यीय समिति के सुझाव पर सहमति बन गई है। हालांकि यह गर्भ गृह के केवल पश्चिम तरफ़ ही बनेगी अथवा प्रस्तावित राम मंदिर के चारों तरफ बनाई जाएगी, इस पर विचार मंथन जारी है। फिलहाल ट्रस्ट महासचिव ने जनवरी माह में राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद जताई है।
बुधवार को मीडिया से मुखातिब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि प्रस्तावित राम मंदिर के गर्भ गृह के पश्चिम सरयू नदी बहती है। जिस लेवल पर राम मंदिर का निर्माण होना है उसके पीछे 50 फीट गहराई है। मंदिर परिसर की जमीन में 17 मीटर का भराव है इस क्षेत्र में मिट्टी की वास्तविक परत नहीं है और इसके नीचे भुरभुरी बालू है।नींव वास्तविक मिट्टी की परत में ही मजबूती पाती है। परीक्षण के तहत विभिन्न पहलुओं पर तकनीकी और सैद्धांतिक स्तर पर काम हुआ है और आईआईटी चेन्नई मुंबई दिल्ली गुवाहाटी केंद्रीय भवन निर्माण और शोध संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों के साथ पावर गई संस्था लार्सन एंड टूब्रो और परामर्श दात्री संस्था टाटा कंसल्टेंसी इंजीनियर के अलावा ट्रस्ट की ओर से नियुक्त प्रोजेक्ट मैनेजर महाराष्ट्र औरंगाबाद के जगदीश जी ने विचार मंथन कर ट्रस्ट को अपना सुझाव सौंपा है। ट्रस्ट की इच्छा है कि राम मंदिर शताब्दियों तक बना रहे। इसके लिए उसकी नींव की आयु 1000 साल से ज्यादा होना आवश्यक है। विशेषज्ञों की टीम विचार मंथन कर रही है कि कंक्रीट में क्या मिलाया जाए? नींव की आयु शताब्दियों तक कैसे बढ़ाई जाए? उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ समिति ने कुछ प्रस्ताव दिए हैं जिसमें मंदिर की सुरक्षा और सरयू के जल से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए रिटेनिंग वॉल का निर्माण शामिल है। ट्रस्ट और निर्माण समिति को अभी विशेषज्ञ समिति की ओर से अभी नींव के पुख्ता और फाइनल ड्राइंग का इंतजार है। आकलन के मुताबिक जनवरी माह से राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।