तीन दिवसीय फ़िल्म फेस्टिवल का उद्घाटन 16 से 18 दिसंबर तक
अयोध्या। ’अवाम का सिनेमा’ के बैनर तले आज से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल का उद्घाटन समारोह सोमवार को बारह बजे दिन में शुरू होगा। 13 वें अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल16 से 18 दिसंबर तक अयोध्या में आयोजित होने वाले 13 वें संस्घ्करण का गवाह डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का स्वामी विवेकानंद सभागार बनेगा। इस आयोजन में देश विदेश की सिनेमा और साहित्घ्य जगत की हस्तियों के साथ ही फिल्मों का तीन दिवसीय मेला इस बार सितारों से भी सजा नजर आएगा।
तीन दिवसीय अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल का उद्घाटन समारोह 16 दिसंबर को दोपहर 12 बजे दिन में शुरू होगा तो अयोध्घ्या की धरती पर इस वैश्विक आयोजन की चकाचौंध के साथ ही सिनेमा के सरोकारों से भी लोग अभिभूत नजर आएंगे। वहीं देश-विदेश में चर्चित सैंड आर्टिस्ट हिमांशु शेखर परिदा सरयू नदी के बीचों बीच काकोरी केस के अमर शहीदो को अपनी कला के जरिए आदरजंलि दे दी। वह फेस्टिवल की पूर्व संध्या पर काकोरी के महानायकों की याद में गुप्तार घाट पर रेत पर श्रद्धांजलि दी। उनकी यह कलाकृति अयोध्या को विश्व पटल पर लंबे समय तक यादगार तोहफा दे गयी। गुप्तार घाट के पास सदानीरा सरयू के तट पर रेत पर शहीदों की यादों का खेत कल्घ्पनाओं में डूबकर बनाया तो यह पल साझी संस्कृति की विरासत संजोए शहर ए अयोध्घ्या के लिए अनुपम और यादगार दिन साबित हुआ।
सैंड आर्टिस्ट ने बातचीत करते हुए कहा कि यह मौका शहीदों को नमन करने के साथ ही पौराणिक नगरी अयोध्घ्या की जीवनधारा पुण्य सलिला सरयू की रेत पर शहीदों की देश प्रेम की आस्घ्था को उकेरने का भी है। इस ऐतिहासिक पलों का साक्षी अयोध्या के कमिश्नर एमपी अग्रवाल, साकेत पी जी कालेज के पूर्व प्राचार्य प्रदीप खरे, अवध विश्वविद्यालय से डॉ विनोद चौधरी, कार्य परिषद सदस्य ओम प्रकाश सिंह, बाबू निषाद सहित हज़ारो नागरिक दिन भर इस आयोजन के गवाह बने। आयोजक मंडल के साथियों ने शहीदों की आकृतियों को रेत पर उकेरे जाने के बाद पुष्पांजलि की।