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ब्रेन इन्जरी में स्टेम सेलों का उपचार माॅलीकुलर तकनीक से सम्भव: प्रो. पी.राम. टेके

माॅलीकुलर एनालिसिस एवं उसके प्रयोग विषय पर कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ

अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संत कबीर सभागार में माइक्रोबायोलॉजी विभाग एवं साइटोजीन रिसर्च एवं डेवलपमेंट लखनऊ के संयुक्त संयोजन में माॅलीकुलर एनालिसिस एवं उसके प्रयोग विषय पर एक सप्ताह की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो0 पी0राम0टेके सैमहिटंन इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी साइंसेज प्रयागराज एवं विशिष्ट अतिथि प्रो0 आर0के0 अस्थाना, समन्वयक, अप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी सेंटर ऑफ एडवांस्ड स्टडी, बी0एच0यू0 वाराणसी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो0 पी0राम0टेके ने कहा कि जीनों की संरचना एवं उनके क्रियाकलापों का मनुष्य के जीवन पर क्या असर पड़ता है? मनुष्य में होने वाली गंभीर बीमारियों पार्किसन, कैंसर एवं घातक बीमारियों पर इन सूक्ष्म जीवों को प्रभावों का अध्ययन कर रोगों के इलाज में मदद के लिए अलग-अलग प्रकार से अध्ययन किया जाता है। बे्रन इन्जरी में स्टेम सेलों का उपचार भी इसी तकनीक के माध्यम से सम्भव हो पाया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो0 मनोज दीक्षित ने कहा कि यह कार्यशाला चिकित्सा विज्ञान के लिए काफी उपयोगी है। जीन तकनीक की सहायता से सूक्ष्म जीवों के मानव व वनस्पति जीवों पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन समभव हो सका। प्रो0 दीक्षित ने बताया कि क्लोनिंग टेक्नोलाॅजी का अध्ययन अभी शुरूआती दौर में माना जा सकता है। इस क्षेत्र की खोज मानव विकास के क्रम को एक नई दिशा दे सकती है। विशिष्ट अतिथि प्रो0 आर0के0 अस्थाना ने बताया कि विश्व के 99 प्रतिशत सूक्ष्म जीवों का अध्ययन अभी नहीं हो पाया है, सिर्फ एक प्रतिशत जीनोम की पहचान हो पाई है। बीमारियों के लिए जिम्मेदार कई प्रकार के बैक्टीरिया जिनकी सहायता से चिकित्सा विज्ञान में लाभ मिल पायेगा पर अध्ययन किया जा रहा है। इससे शोध, पैथोलाॅजी, फोरेसिंक एनालिसिस, जीन थिरेपी पर वैज्ञानिक कार्य कर रहे है। इस अवसर पर मुख्य नियंता प्रो0 आर0एन0 राय, प्रो0 आर0एल0 सिंह, प्रो0 एस0के रायजादा, प्रो0 आर0के0 तिवारी, कार्यपरिषद सदस्य ओम प्रकाश सिंह, प्रो0 के0के0 वर्मा, प्रो0 श्रीराम विश्वकर्मा, प्रो0 सी0के0 मिश्र, प्रो0 एस0एस0 मिश्र, प्रो0 नीलम पाठक, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह, डाॅ0 नरेश चैधरी, डाॅ0 संग्राम सिंह, डाॅ0 नीलम यादव, डाॅ0 गीतिका श्रीवास्तव, डाॅ0 अनिल यादव, डाॅ0 आर0एन0 पाण्डेय, डाॅ0 मणिकांत त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, शोद्यार्थी एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे। कार्यशाला के तकनीकी सत्र का संचालन प्रो0 पी0राम0टेके सैमहिटंन इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी साइंसेज प्रयागराज एवं प्रो0 आर0के0 अस्थाना, समन्वयक, अप्लाइड माइक्रोबायोलॉजी सेंटर ऑफ एडवांस्ड स्टडी, बी0एच0यू0 वाराणसी ने किया।

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