-एनजीटी की ओर से गठित चार सदस्यों की हाई पावर कमेटी ने की जांच
अयोध्या। तिलोदकी गंगा के अस्तित्व को बचाने के लिए एनजीटी की ओर से गठित चार सदस्यों की हाई पावर कमेटी आज अयोध्या पहुंचीस कमेटी के सदस्यों ने चांदपुर स्थित गंगा के ऊपर उसके प्रवाह को रोककर बनी बहुमंजिला इमारत को देखासटीम ने गंजा स्थित 25 बीघा का कुंड भी देखा जिसका लैंड यूज़ चेंजकर श्रीराम एयरपोर्ट मे कर दिया गया है।
टीम के सदस्यों ने ग्राम सभा जनौरा,गंजा के पास लगभग एक किलोमीटर तक तहस नहस हुई तिलोदकी गंगा को भी देखा और जल का सैंपल लियासचार सदस्यीय कमेटी में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ,नागरिक उड्डयन विभाग लखनऊ,जिला मजिस्ट्रेट अयोध्या,नगर निगम अयोध्या को एक माह के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने निर्देश दिया था। इसमें पड़ने वाले कुंड को जनहित याचिका भी दाखिल हैस जिसका सिविल नम्बर 9651/2021है. एक सामाजिक संस्था ने त्रिलोद की गंगा के अतिक्रमण पर जनहित याचिका भी दाखिल की है।
सोहावल से निकलकर जनौरा गंजा घाट 48 किलोमीटर लंबे बाध तिलोदकी गंगा जो राजस्व अभिलेखों में बाहा के रूप में दर्ज है को बचाने की मुहिम में माननीय उच्च न्यायालय में सरयू नगर विकास विकास समिति अयोध्या के अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने एक जनहित याचिका संख्या 647 / 2022 दाखिल की एवं उनके वकील ओंकार नाथ तिवारी के द्वारा यह बहस की गई कि कलेक्टर की ओर से बाहा तिलोदकी गंगा का स्वरूप धारा 77 भू राजस्व संहिता के तहत बदलकर उसे बंजर में परिवर्तित कर हुए हवाई अड्डे के विस्तार के लिए जमीन दे दिया गया। इससे नैसर्गिक प्रवाह व वर्षा जल का बहाव रोक दिया गया है।