–विश्वविद्यालय शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए तत्परः प्रो. रविशंकर सिंह
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के तीन शिक्षकों को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट योजना के तहत शोध कार्यों के लिए अनुदान राशि की स्वीकृति प्राप्त हुई हैं। इसमें विश्वविद्यालय को तीन शोध कार्यों के लिए कुल 8 लाख 10 हजार 500 रूपए की अनुदान राशि प्राप्त हुई है।
अविवि के अर्थ एवं पर्यावरण विज्ञान संस्थान के डॉ. विनोद कुमार चौधरी को ’ग्रे वॉटर कैरेक्टराइजेशन, ईट्स ट्रीटमेंट बाई फिजिकल मैथड्स एण्ड डेवलपमेंट ऑफ वर्किंग मॉडल फॉर वॉटर रीयू.ज इन लैवोटरी एण्ड गारडिनिंग पर्पस’ विषय पर 3 लाख 27 हजार 500 रूपए की स्वीकृति मिली है। वहीं भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के डॉ. अनिल कुमार को ’इलेक्ट्रिकल मोरफोलोजीकल एण्ड मॉलिक्यूलर डायनामिक्स इंवेस्टिगेशन ऑफ कार्बन नैनोट्यूब डोप्ड लिक्विड क्रिस्टल्स’ विषय पर 3 लाख 36 हजार रूपए एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रो. राजीव कुमार गौड़ को ’ऑप्टिमाइजेशन ऑफ माइक्रोबियल सक्कारिफिकेशन ऑफ शुगरकेन बगैस फॉर ग्लूकोस प्रोडक्शन’ विषय पर 1 लाख 47 हजार शोध कार्यों के लिए अनुदान राशि स्वीकृत हुई है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुदान राशि स्वीकृत होने पर शिक्षकों ने इसका श्रेय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह को दिया है। उन्होंने बताया कि कुलपति द्वारा समय- समय पर शोध कार्यों को बढ़ावा देने के साथ अन्य संस्थानों के मुकाबले खड़ा करने के लिए शिक्षकों को निरन्तर प्रोत्साहित किया है। उसी का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट योजना के तहत शोध कार्यों के लिए अनुदान राशि स्वीकृत हुई है। इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षकों द्वारा किए गए शोध कार्यों से संस्थान की पहचान होती है।
विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षकों को शोध कार्यों में प्रोत्साहन देने के लिए तत्पर है। कुलपति प्रो0 सिंह ने बताया कि अगस्त माह में प्रदेश सरकार द्वारा विश्वविद्यालय की चार शिक्षिकाओं को रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट योजना के तहत 19 लाख 92 हजार 500 रूपए शोध कार्यों के लिए अनुदान राशि दी गयी थी। हम आशा करते है कि इसी तरह विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालय के शिक्षक स्वयं के एकेडमिक रिकार्ड को अच्छा करने के लिए शोध कार्यों में तेजी लायेंगे। शिक्षकों की उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने बधाई दी।