अयोध्या। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित सिखों के प्रथम गुरू नानक देव जी के नाम पर स्थित ननकाना साहिब गुरूद्वारा पर हिंसक हमला और नाम बदल कर गुलाम-ए-मुस्तफा रखने की धमकी एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा है। ननकाना साहिब गुरूद्वारा से पूरे विश्व के सिख समुदाय के लोगों की आस्था व श्रृद्धा जुडी है। उक्त बातें व्यापार अधिकार मंच के संयोजक व भाजपा नेता सुशील जायसवाल ने कैम्प कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।
पाकिस्तान के हुक्मरान जब हिन्दुस्तान में अपने एंजेंटो के माध्यम से लौह समान नेतृत्वकर्ता नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व वाली मजबूत सरकार में सुरक्षित भारत में नागरिकता संशोधन एक्ट पर धार्मिक रूप से लडा़ने और गृहयुद्ध जैसी स्थिति व सीमा से आतंकवादी घुसपैठ कराने में पूरी की तरह असफल हो रहे है। तो उनका चरित्र और असली चेहरा ननकाना साहिब गुरूद्वारा पर हमले के रूप में बेनकाब हो रहा है। जो यह दिखलाता है कि पाकिस्तान जैसे देशों में अल्पसंख्यकों की वास्तविक स्थिति क्या है। इसलिए ऐसे देशों से पलायन कर रहे अल्पसंख्यक हिन्दूओं, सिखों, जैन, ईसाई व बौद्ध को सीएए कानून का और सरलीकरण कर सम्मानपूर्व भारत में बसा कर नागरिकता दी जाय। साथ ही ननकाना साहिब सहित सभी अल्पसंख्यकों के तीर्थस्थानों व पूजाघरों को सुरक्षित रखने के लिए राष्ट्रीय एवं अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर कार्यवाही की जाये। हिन्दु मुसलमानों, सिख, ईसाई में मनभेद, मतभेद पैदा कर देश में घृणा फैला रहे शरारती तत्वों व संगठनों पर अति कठोर कार्यवाही की जाय। इस अवसर पर प्रमुख रूप से राजेश जायसवाल, रमेश जायसवाल, मनोज अग्रवाल, दयाल यादव, नीरज जायसववाल, देवेश गुप्ता, बृजेन्द्र मौर्या, रितेश शर्मा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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