-रिस्क-बिहैवियर संवेदीकरण,करता है सुसाइड-प्रिवेंशन : डा. आलोक मनदर्शन
अयोध्या। 30 से 31अगस्त तक सिलीगुड़ी में आयोजित होने वाले इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी के अर्धवार्षिक सम्मेलन में किशोरों व युवाओं में बढ़ती आत्महत्या यानि सुसाइड व स्वजन-हत्या यानी होमिसाइड की बढ़ती मनोवृति के मनोसामजिक कारक पहलुओं व इसके रोकथाम युक्तियों पर विशेषज्ञ-मंथन होगा जिसकी थीम है, “ब्रेकिंग द साइलेंस-टाकिंग एबाउट सुसाइड“ ।
इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी के तत्वाधान में आयोजित होने वाले इस कॉन्फ्रेंस में देश विदेश के मनोविशेषज्ञ शोध-पत्र व व्याख्यान के माध्यम से सुसाइड-प्रिवेंशन के प्रभावी मनोगतिकीय व मनोसामाजिक पहलुओं पर मंथन करेंगे।
सोसाइटी के लाइफ एसोसिएट-मेंबर डा आलोक मनदर्शन ने कॉन्फ्रेंस-थीम संदर्भित “कम्युनिटी-सेंसिटाइज़ेशन टुवर्ड्स रिस्क-बिहैवियर सिग्नल्स“ शीर्षक शोध-पत्र में परिवार व समाज में आत्म-घाती व स्वजन-घाती मनोदशा के सूक्ष्म व परोक्ष संकेतो के प्रति जागरूकता व संवेदीकरण पर जोर दिया है।