सोहावल।शासन के कई चक्र चले छुट्टा जानवरों की धर पकड़ के बाद इन पर तो कुछ विराम लग गया ऐसे पशु अब कम दिखाई पड़ते हैं।लेकिन इनके पीछे छिपे नील गायों का आतंक अभी भी बरकरार है। इनके झुंड के झुंड किसानों की फसल चौपट कर रहे है। बढ़ती ठंड में खेत छोड़ घरों में रहने को विवश हुए किसानों की कमजोरी का फायदा यह पशु उठा रहे है।
घनी बागों में शरण लिए इन गायों से फसल की सुरक्षा कर पाना आसान नहीं रह गया है। खिरौनी, अर्थर , तहसीनपुर, मंगलसी , बड़ागांव, संजय गंज, मुबारक गंज आदि कई क्षेत्रों के किसान राम सिंह, संजय चौबे, आशाराम आदि कहते हैं कि इन पशुओं में कई हिंसक है। खदेड़ने पर जान लेवा बन कर दौड़ा लेते है।
उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मनोज कुमार वर्मा कहते हैं कि छुट्टा जानवरों के आगे यह गायब हो गए थे। पिछले कुछ महीनों में इनकी संख्या बढ़ी है। कई गांव के किसानों ने आवाज उठाई है। जल्द ही इनकी रोकथाम के किये भी रणनीति बनेगी।