ज्ञान के प्रसार में पुस्तक से बढ़कर कोई दोस्त नहीं कोई आधार नहीं : रणंजय वर्मा

by Next Khabar Team
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-छह दिवसीय फैजाबाद पुस्तक मेला का समारोहपूर्वक हुआ समापन

अयोध्या। अयोध्या धाम शहर में चल रहे 16वें पुस्तक मेला के समापन दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि अयोध्या जिला जज रणंजय वर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि ने मेला स्मृति के प्रतीक पूर्ण स्वतंत्रता सेनानी हुआ एडवोकेट स्वर्गीय बाबू नारायण दास खत्री को नमन करते हुए कहा कि “ हमें अयोध्या की सरहदों से क्या मतलब, उनका पैगाम तो विद्या, इंसानियत, करूणा रही तभी यहां तक पहुंचे बाबूजी… उपस्थित साहित्य प्रेमियों एवं आयोजकों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए जिससे मनुष्य को जीवन में साहित्य के माध्यम से बहुत कुछ सीखने को मिलता है साहित्य और शिक्षा के बल पर ही मनुष्य अपने को श्रेष्ठतम बना सकता है, अपनी मधुर आवाज में समां बांधते हुए कहा कि “जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए“….

जिला जज श्री बर्मा ने कहा कि संस्थागत दौर में किताबों से बड़ी कोई चीज नहीं, अभिमान, अहंकार, अभाव, अज्ञानता व निर्धनता ज्ञान से ही मिटाया जा सकता है, अयोध्या की पावन धरती से अंधकार मिटाने का जो कार्य “नारायण दास खत्री मेमोरियल ट्रस्ट“ जो कर रहा है किसी तीर्थ से कम नहीं विराट व्यक्तित्व का व्यक्ति पुस्तकों के माध्यम से कैसे अमर हो सकता है ये नारायण दास खत्री की जीवंतता है जिससे लोग देख समझ सकते हैं, आने वाली सदियों में अयोध्या की धरा पुस्तक मेला माध्यम से भारत पटल पर होगा, उनकी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता, अमरता याद की जाएगी, ज्ञान के प्रसार में पुस्तक से बढ़कर कोई दोस्त नहीं कोई आधार नहीं।

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पूर्ण स्वतंत्रता सेनानी एडवोकेट व साहित्य प्रेमी रहे स्वर्गीय नारायण दास खत्री के लिए जिला जज ने कहा उनकी स्मृति में ऐसे आयोजन करके जनपद तथा दूर दराज के क्षेत्र के लोगों और साहित्य प्रेमियों को शिक्षा के महत्व का एक सार्थक संदेश देना इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी उपलब्धि है, इस मौके पर जिला जज श्री बर्मा ने कई दिनों तक शिक्षा साहित्य के अलख जलाए रखने के लिए पुस्तक मेला सचिव व पूर्व सांसद डॉक्टर निर्मल खत्री की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज को उसकी मातृभाषा से जुड़े रहने के लिए ऐसे आयोजन से शिक्षा की गुणवत्ता एवं वर्तमान परिदृश्य के विश्व पटल पर क्या चल रहा है पुस्तक मेला जैसे इन आयोजनों से जानने समझने पढ़ने का अवसर मिलता है, जिससे बौद्धिक विकास के साथ-साथ एक स्वस्थ समाज में कैसे बिना हिंसा नफरत से दूर रहकर आपसी सद्भाव एकता कायम रखी जाए सीखने को मिलता है।

पुस्तक मेला समापन के अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि अयोध्या के पूर्व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने 6 दिवसीय पुस्तक मेला में विविध कार्यक्रमों में प्रतिभागी रहे छात्र-छात्राओं को पुरस्कार वितरण किया तथा उपस्थित साहित्य प्रेमियों व प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को प्रमुख रूप से संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों के लिए शिक्षण के इस कल में सबसे जरूरी कर्तव्य यही है कि अपनी शिक्षा को श्रेष्ठतम पायदान पर ले जाकर अपना, अपने माता-पिता क्षेत्र तथा राष्ट्र का नाम रोशन करके अपने जीवन को सार्थक बनाने का यह स्वर्णिम समय आपके सामने है, ऐसे साहित्यिक आयोजनों से आप अपनी क्लास में जो पढ़ाया जाता है उसके बाहर की भी दुनिया में क्या चल रहा है,किताबों से क्या सीखा जा सकता है आप ऐसे पुस्तक मेले में पहुंचकर अपनी जिज्ञासाओं को जान समझ कर शांत कर सकते हैं और पसंदीदा विषयों पर आधारित साहित्य को पढ़कर अपने ज्ञान में वृद्धि करने का शुभ अवसर प्राप्त होता है।

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समापन संध्या पर इस साहित्यक ज्ञान परिसर में भी प्रख्यात टीवी पत्रकार व साहित्यकार “आलोकनामा कार्यक्रम“ के प्रमुख आलोक श्रीवास्तव ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्श उनसे जुड़े वृतांत की विस्तृत चर्चा करते हुए हम सभी लोगों को प्रभु श्री राम के आदर्शों पर चलकर अपना जीवन सार्थक बनाना चाहिए। आलोकनामा कार्यक्रम की प्रस्तुति में साहित्यकार आलोक श्रीवास्तव ने बॉलीवुड अभिनेता जो कि साहित्य के प्रेमी खुद कई साहित्यिक रचनाओं को अंतिम रूप दे चुके अभिनेता आशुतोष राणा के बारे में उनके जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि मनुष्य के उत्थान में शिक्षा साहित्य व कर्म ही विशेष भूमिका निभाते हैं जिसमें सर्वश्रेष्ठ पायदान पर शिक्षा ही है शिक्षा आपको सर्वगुण संपन्न बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

टीवी पत्रकार व साहित्यकार आलोक श्रीवास्तव ने ऐसे भव्य कार्यक्रम करने के लिए जो कि साहित्य प्रेमियों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है पुस्तक मेला के सचिव डॉक्टर निर्मल खत्री की विशेष सराहना करते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद साहित्य में रुचि रखता हो, वह समाज को उत्थान के क्षेत्र में देखना चाहता है, वह सर्वप्रथम शिक्षा के महत्व को विशेष स्थान देता है, और शिक्षण संस्थानों को खुलवाकर ऐसे साहित्य मेला का आयोजन करके क्षेत्र वासियों को जनपद वासियों को प्रदेशवासियों को सुअवसर प्रदान करता है कि वह शिक्षा के माध्यम से अपना सर्वांगीण विकास कर सके।
समापन संध्या के मौके पर मेला सचिव डॉक्टर निर्मल खत्री ने 6 दिवसीय पुस्तक मेला आयोजन को सफल बनाने में दिन-रात एक किए हुए सभी लोगों को लोगों को तथा साहित्य मेले में पुस्तक स्टाल लगाए हुए प्रकाशन के कर्मचारी, साहित्यक मेले में पहुंचकर अपना सहयोग आशीर्वाद तथा साहित्य के प्रति लोगों को प्रेरित करने वाले विशिष्ट मेहमानों को भी हार्दिक बधाई एवं धन्यवाद दिया, और कहा कि ऐसे साहित्यिक आयोजन करके शिक्षा को बढ़ावा देकर उनको बहुत ही आत्म संतुष्टि मिलती है,कि समाज में फैल रहे नफरत द्वेष अहिंसा को किताबें कला और संगीत के माध्यम से ही समाप्त किया जा सकता है, जो जितना शिक्षित होगा वह समाज को एक स्वस्थ पारदर्शी भयमुक्त विकसित वातावरण बनाने में मददगार साबित होगा।

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अयोध्या धाम के महापौर ने ऐसे आयोजन करने के लिए पुस्तक मेला सचिव डॉ. निर्मल खत्री पुस्तक मेला की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम मित्तल पुस्तक मेला प्रभारी रीता खत्री, कार्यक्रम संयोजिका नमिता मेहरोत्रा, कोषाध्यक्ष राजकुमार खत्री को अयोध्या धाम सहित तथा उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों से इस मेले में पहुंच रहे साहित्य प्रेमियों की ओर से पुस्तक मेला आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। समापन अवसर पर प्रोफेसर ए के मित्तल, अतुल भटनागर, प्रभात टंडन, राकेश केसरवानी, रजत खत्री, अंकुर खत्री सहित सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।

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