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घटना की जानकारी देते एसपी

….तो अपने ही बुने जाल में फंस गई महिला

-प्रेमी के साथ मिलकर खुद को अपहृत और मृत दिखाकर जमीनी विवाद में पड़ोसी को जेल भेजने का पर्दाफाश

सुलतानपुर। अपने आपको अपहृत और मृत दिखाकर जमीनी विवाद में पड़ोसी को जेल भेजने औऱ अपने प्रेमी के साथ छिपकर रखने का षड़यंत्र रचने वाली महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार संघमित्रा ज्योति निवासी- बाबूपुरवा, थाना धनपतगंज, जनपद-सुलतानपुर के मोबाइल से कूटरचित तरीके से स्वयं के अपहरण और हत्या का मिथ्या रूप से फोटो,वीडियो औऱ आडियो तैयार किया गया। पुलिस के अनुसार 16 मार्च 2021 को थाना धनपतगंज पर सूचना दी गई कि संघमित्रा ज्योति उपरोक्त दिनांक 14 मार्च 2021 को कुड़वार ब्लॉक गई थी और वहां से गायब हो गई है और यह भी सूचना दी कि निकट परिवारीजन के नंबर पर तथाकथित अपहृता के बंधक बनाए जाने, घायल हो जाने पर, रक्तरंजित फोटो, वीडियो और ऑडियो भेजा। इन साक्ष्यों के माध्यम से अपने गांव के ही मोटकऊ तिवारी को अपनी हत्या का जिम्मेदार बताया जिनसे जमीन का पुराना विवाद चल रहा था। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अरविंद चतुर्वेदी ने तत्काल दो टीमों का गठन किया जिनका नेतृत्व थानाध्यक्ष धनपतगंज मनोज कुमार शर्मा व उपनिरीक्षक अजय सिंह यादव सर्विलांस/ स्वाट टीम कर रहे थे। थानाध्यक्ष धनपतगंज को तथाकथित अपहृता संघमित्रा द्वारा लगाए गये आरोपो का सत्यापन औऱ दूसरी टीम को तथाकथित अपहृता की मोबाइल का विश्लेषण और लाभप्रद सूचनाओं को विकसित करने की जिम्मेदारी दी गयी। अपर पुलिस अधीक्षक विपुल कुमार श्रीवास्तव और क्षेत्राधिकारी बल्दीराय विजयमल सिंह यादव के नेतृत्व में दोंनो टीमों ने कार्य आरम्भ किया। जमीनी सूचना के अनुसार तथाकथित अपहृता संघमित्रा पढ़ी लिखी लड़की थी और उसके पिता संघमित्रा के खाते में अन्य भाई-बहन की पढ़ाई का खर्चा भेजते थे। सर्विलांस टीम ने पाया कि संघमित्रा द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला मोबाइल नम्बर 14 को दिन में लगभग 11.00 बजे गभड़िया पुल सुलतानपुर में बंद हो गया था। गहन विवेचना से संघमित्रा का एक ऐसा नम्बर निकाला गया, जो उसके घर वालों को भी मालूम नही था। उसका नया नम्बर समस्तीपुर बिहार में पाया गया। इतना ही नही उसके इस नम्बर का सर्वाधिक सम्पर्क वाला नम्बर भी समस्तीपुर में पाया गया, जिससें स्पष्ट हो गया कि संघमित्रा के समस्तीपुर में होने की सम्भावना है। पुलिस ने बताया कि संघमित्रा के परिवारीजनों के मोबाइल पर प्राप्त फोटो/विडियो/ऑडियो के परिशीलन से प्रतीत हुआ कि प्रदर्शित खून नकली है और अपहृता के बंधन भी बनावटी है। महिला सम्बन्धी गम्भीर अपराध की सम्भावना के आधार पर सर्विलांस/ स्वाट प्रभारी अजय प्रताप सिंह यादव के नेतृत्व एक टीम महिला आरक्षी सहित समस्तीपुर रवाना की गई और मोबाइल के लोकेशन के आधार पर में तथाकथित अपहृता संघमित्रा को सकुशल बरामद किया गया।

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दूसरी पत्नी की तरह रहने को भी हो गई तैयार

-पूछताछ पर संघमित्रा ने बताया कि 2 वर्ष पूर्व उसका सम्पर्क लाइक चैट एप्लीकेशन पर अंजान लड़के से हो गया था। जिसने अपना नाम नाजिम बताया । धीरे-धीरे लाइक चैट पर बातों और फोटो के आदान- प्रदान का सिलसिला बढ़ा और हम दोनो एक-दूसरे को चाहने लगे। नाजिम ने मुझसे शादी का प्रस्ताव रखा। मुझे ऐसा लगा कि मेरे घर वाले मेरी शादी मुस्लिम नवयुवक से नहीं होने देगें इसलिए मैंने एक योजना बनाई कि मैं स्वयं नाजिम के पास चली जाऊं और घर वालों को अपने गांव के विरोधी मोटकऊ तिवारी द्वारा अपनी अपहरण और हत्या करने सम्बन्धी फोटो/विडियों/ ऑडियों भेज दूं। इससे एक ओर हत्या और अपहरण के मुकदमें में मोटकऊ तिवारी फंस जाएं और दूसरी ओर मेरें परिवार वाले मुझे मृत समझ लें और मैं नाजिम के साथ शादी करके अपना घर बसा लूं। संघमित्रा के अनुसार नाजिम ने उसके लिए समस्तीपुर शहर में एक कमरा किराए पर ले रखा था। 2 दिन नाजिम उसके साथ रहा लेकिन संघमित्रा को मालूम पड़ा कि नाजिम पूर्व से ही शादीशुदा है। वह नाजिम की दूसरी पत्नी की तरह रहने को भी तैयार हो गई । इसी दौरान सुलतानपुर पुलिस द्वारा उसे बरामद कर लिया गया। इसके पास से उसका मोबाइल भी बरामद हुआ है, जिसमें उसके द्वारा भेजे गए फोटो/विडियो/ऑडियो क्लिप मिली हैं । जिसे पुलिस ने महत्वपूर्ण साक्ष्य के रुप में अपने कब्जे में लिया है ।

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