संत कबीर साम्प्रदायिक सौहार्द व सांस्कृतिक मेला का हुआ समापन
अयोध्या। श्रीकबीर धर्म मन्दिर जियनपुर के संस्थापक महन्त स्वरूपलीन सद्गुरू रामसूरत साहेब की स्मृति में आयोजित तीन दिवसीय संत कबीर साम्प्रदायिक सौहार्द एवं सांस्कृतिक मेला विद्धान संतों के प्रवचन, भजन एवं कलाकारों की विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ बुधवार को सम्पन्न हो गया। अन्तिम दिन प्रातः बीजक पाठ एवं भण्डारे के पश्चात प्रारम्भ अध्यात्मिक परिचर्चा के सत्र में मुख्य अतिथि थे कबीर चरण पादुका मन्दिर गोरखपुर के महन्त हौसला दास ने अपने उद्बोधन में कहा कि संत कबीर ने अपने धर्म एवं अध्यात्म के मार्ग की जटिलताओं को दूर करके सर्वजन हिताय के भाव के साथ सभी के लिए सुगम बना दिया और उनके इस योगदान की पूरी दुनिया कायल हुई। यदि समाज में उनके वैचारिक रास्ते को नजर अन्दाज न किया होता तो हजारों साल पुरानी समाजिक व आर्थिक विषमता की व्यवस्था आज 21वीं सदीं में भी बरकरार न रहती। मुख्यवक्ता के रूप में साकेत महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र वर्मा ने कहा कि संत कबीर मन, वचन एवं कर्म की सुचिता के महत्व को न सिर्फ भंली-भांति समझते-समझाते है बल्कि उद्यम शीलता के माध्यम से दुनिया को विकास और स्वावलम्बन का अकाट्य मंत्र भी दिया। इसके पूर्व गोकुल भवन अयोध्या के महन्त आचार्य संतोष दास ने समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए संत कबीर को सामप्रदायिक सौहार्द एवं एकता की जीती-जागती मिशाल बताया। उन्होंने स्वरचित गीत ‘‘ हमे रास्ता दिखाओ कबीर बाबा’’ के माध्यम से सद्मार्ग से चलने की प्रेरणा दी। इन्जीनियर बलजीत बहादुर वर्मा ने कहा संत कबीर ने जिस तरह धार्मिक आडम्बरों एवं अन्धविश्वासों के विरूद्ध जनचेतना को जागृत किया उसकी किसी दूसरे अध्यात्मिक दर्शन में कोई मिसाल नहीं मिलती है। सीवान (बिहार) से आये पूर्व अपर एवं सत्र न्यायधीश आद्याशरण चौधरी ने कहा कि बुद्ध और कबीर जैसे महापुरूषों के मानवतावादी संदेशों के प्रभाव से ही भारत को विश्व गुरू की ख्याति प्राप्त हुई क्यांकि इन्हीं महापुरूषों ने प्रेम, अहिंसा, सत्य एवं बन्धुत्व के मानवीय गुणों को अपने अध्यात्मिक दर्शन का आधार बनाया।
इसी क्रम में उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.बी.सिंह, तपस्वी छावनी के महन्त परमहंस दास, विजय विक्रम आर्य, संत राजकुमार दास, महन्त बिहारी दास, रामप्रकाश दास, रामसिंह साहेब, समाजसेवी चन्द्रपाल वर्मा, डॉ0 रामभजन साहेब, साकेत महाविद्यालय में विधि विभाग के प्राध्यापक डॉ0 अजय कुमार सिंह, शीलदास, पवन पाण्डेय आदि प्रमुख लोगों ने भी सत्र को सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन मन्दिर समिति के महामंत्री संत उमाशंकर दास एडवोकेट ने किया। कार्यक्रम में निर्मल कुमार वर्मा, गुरूचरन यादव, अमरनाथ वर्मा, राजेश वर्मा, रजनीश पटेल, राहुल पाण्डेय, आशीष जायसवाल, सत्यप्रकाश सिंह, कन्हैया लाल, समीर सोनकर, रामअभिलाष वर्मा, रंजीत वर्मा, प्रमोद कुमार पाण्डेय, राहुल पाण्डेय, राधेश्याम दास, संतोष यादव, विनोद कुमार, महमूद खान, शशि कुमार, शिवम् आदि प्रमुख लोगों ने सक्रिय भूमिका बढ़ाई। मन्दिर परिसर में आखिरी दिन डॉ0 धमेन्द्र एवं डॉ0 बन्दना सिंह ने स्वास्थ्य शिविर लगाकर सैंकड़ों श्रद्धालुओं की निःशुल्क चिकित्सा सेवा की।