-बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री ने विकसित कृषि संकल्प अभियान को किया संबोधित, चार प्रगतिशील किसानों को किया सम्मानित
अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के एग्री बिजनेस मैनेजमेंट सभागार में सरकार के विकसित कृषि संकल्प अभियान को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि हमारी सारी सभ्यता कृषि पर निर्भर करती है। होली हो या दीवाली, त्योहारों की परंपरा के अनुसार हमारे घरों में पकवान भी अलग- अलग बनते हैं। उन्होंने कृषि को चमत्कारीय शक्ति का दर्जा देते हुए कहा कि किसान खेतों में एक बीज डालता है तो उससे कई पौधे निकलते हैं। वर्तमान समय में किसानों को वैज्ञानिक तकनीक से जोड़ने व सरकार की योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने की जरूरत है। हमें किसानों की आय को दोगुणी करने का प्रयास करना होगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार की निकटता देश की अर्थव्यवस्था को बदल सकता है।
उन्होंने कहा कि विहार में मक्का, गेहूं और धान के क्षेत्र में दोगुणा उत्पादन हुआ है। हम बिहार को उत्पादक के रूप में ही नहीं निर्यातक के रूप में विकसित करने का कार्य कर रहे हैं। कहा कि मिट्टी की सेहत में सुधार और जलसंचय को बढ़ावा देने की जरूरत है। हमारी सांस्कृतिक विरासत कृषि पर आधारित है। उन्होंने राजा जनक का उदाहरण देते हुए बताया कि अकाल में उन्होंने स्वयं खेत जोता था। बिहार में सीमांत किसानों की अधिक संख्या के बावजूद कृषि क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। इस राष्ट्रव्यापी अभियान में 2170 वैज्ञानिक, 113 अनुसंधान संस्थान और 731 कृषि विज्ञान केंद्र भाग ले रहे हैं।
अभियान का मुख्य लक्ष्य वैज्ञानिक खेती की तकनीकों से किसानों को जोड़कर उत्पादकता बढ़ाना है। इस पहल के तहत 65,000 से अधिक गांवों में किसानों से संवाद किया जाएगा तो विकसित भारत 2047 के संकल्प के सपने को यह सरकार आसानी के साथ पूरा कर लेगी। कुलपति कर्नल डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेशभर में चल रहा विकसित कृषि संकल्प अभियान प्रतिदिन तीन चरणों में चल रहा है। खरीफ की फसल के लिए के लिए किसान जागरूक हो रहे हैं। कुलपति ने कहा कि हमारी कृषि में 4 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी तभी हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगे और यह सभी के प्रयास से संभव होगा। कृषि उत्पादकता में पंजाब सबसे आगे है। किसानों को फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए खेतों को समतलीकरण करना होगा, इससे किसानों की फसल में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
कुलपति ने कहा कि किसानों को खेत की सेहत के साथ-साथ पौधों की संख्या का भी ध्यान देना होगा। किसानों को धान की ऐसी प्रजाति का उपयोग करना होगा जो अक्टूबर तक तैयार हो जाए और समय से उसकी कटाई की जा सके। किसानों के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न लाभकारी योजनाएं चलाईं जा रहीं हैं जिसका किसानों को लाभ उठाना चाहिए। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक ए.के मिश्रा ने कहा कि सरकार की योजनाओं को किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।
कृषि उत्पादकता में अंतर न्याय पंचायत स्तर पर पाटने का प्रयास हो रहा है। कहा कि यह अभियान किसानों की आय को दोगुणी करने में मदद करेगा। इस दौरान डा. के.एम सिंह, डा.वी.पी शाही, डा. एस.पी सिंह, डा. संजीव, डा. शशांक, डा. रत्नाकर और डा. नवनीत ने भी किसानों से कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी साझा की। इस कार्यक्रम में आठ जनपद के किसानों ने हिस्सा लिया। कृषि में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चार प्रगतिशील किसानों मंशाराम, राजबहादुर वर्मा, सुरेंद्र सिंह, रमाशंकर को उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने अपने हाथों सम्मानित किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कृषि उपयोगी कृषि तकनीक पुस्तक का भी विमोचन किया। इससे पहले सभी अतिथियों को पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्रम भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य नरेंद्र देव की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं जल भरो के साथ किया गया। स्वागत संबोधन निदेशक प्रसार डा. रामबटुक सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन अधिष्ठाता डा. साधना सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन सह प्राध्यापक डा. सुप्रिया ने किया। इस मौके पर विवि के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक, वैज्ञानिक, आठ जनपद के किसान, अयोध्या के कृषि अधिकारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।