संत गाडगे की सपाईयों ने मनाई जयंती
अयोध्या। मानवता के सच्चे हितैषी सामाजिक समरसता के द्योतक यदि किसी को माना जाए तो वह थे संत गाडगे महाराज यह बातें सपा जिला अध्यक्ष गंगासिंह यादव ने लोहिया भवन कार्यालय में संत गाडगे की जयंती के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में कहीं। उन्होंने कहा कि गाडगे महाराज एक घूमते फिरते सामाजिक शिक्षक थे। इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री तेजनारायण पाण्डेय पवन ने कहा कि आधुनिक भारत को जिन महापुरुषों पर गर्व होना चाहिए। उनमें राष्ट्रीय संत गाडगे महाराज का नाम सर्वोपरि है। सपा जिला उपाध्यक्ष बाबूराम गौड़ ने कहा कि संत गाडगे अंधविश्वास की भावनाओं के विरुद्ध लोगों को शिक्षित करते थे। सपा महानगर अध्यक्ष मोहम्मद कमर राईन ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि गाडगे महाराज समाज में चल रही जाति भेद और रंगभेद की भावनाओं को नहीं मानते थे और लोगों को जागरुक करते रहते थे। गोष्ठी को संबोधित करते हुए सपा के पूर्व प्रदेश सचिव मोहम्मद हलीम पप्पू व प्रभारी छोटे लाल यादव ने कहा कि गाडगे महाराज हमेशा जरूरतमंदों की सहायता करते थे। समाजवादी अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष ओपी पासवान ने कहा कि संत गाडगे कहते थे शिक्षा बड़ी चीज है पैसे की तंगी हो तो खाने के बर्तन बेच दो टूटे-फूटे मकान में रहो सस्ते कपड़े पहनो पर बच्चों को शिक्षा दिए बिना ना रहो। सपा प्रवक्ता ओम प्रकाश ओमी ने बताया कि संत गाडगे की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण किया गया। प्रवक्ता ने कहा कि संत गाडगे का जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती शहर में हुआ था इस मौके पर जय प्रकाश यादव, गौरव पाण्डेय, ननकन यादव, आकिब खान, वीरेंद्र त्यागी, राहुल चौरसिया, लवकुश कोरी, नीरज तिवारी, रमेश यादव, शेर बहादुर, सन्टी तिवारी, एस0के0 रावत, सुनील रावत, डॉक्टर देवमणि कनौजिया, बाबू राम कनौजिया, अजय रावत, के0 पी0 चौधरी, राजन रावत, अनिल कोरी, अनुराग रावत आदि ने संत गाडगे के चित्र पर माल्यार्पण किया।