-नौनिहाल बच्चे तक अब अपने स्कूल ढेमवा प्रतिदिन जान जोखिम में डाल कर सीढ़ी के रास्ते ही आ जा रहे
सोहावल। बरसात की शुरुआत होते ही सरयू नदी के समीप के गांव पर बाढ़ के पानी का खतरा मडराने लगा है। निवासी गोंडा के हैं लेकिन गुजर बसर जिले की सोहावल तहसील क्षेत्र से करते है। भोजन पानी आबो हवा सब यही से लेते आ रहे सरयू पार जनपद की सीमा पर बसे ब्यौदा, साखीपुर, बहादुरपुर, दत्तनगर इन चार गांव के लोगों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पानी बढ़ने पर सोहावल की ओर आने के लिए सरयू में पुल के सहारे ग्रामीणों ने लगभग 100 फिट लंबी सीढ़ी ढेमवा पुल के सहारे खड़ी कर निकलने का रास्ता बना लिया है।
जिसके सहारे ही लगभग दो दर्जन परिषदीय स्कूल के बच्चे रोज ढेमवा आ जा रहे हैं। गत वर्ष भी इन गांव के प्रभावित लोगों को ढेमवा के आस-पास ही शरण दिया गया था। ढेमवा पुल बनने के बाद नवाबगंज गोण्डा की सीमा पर बसे दर्जन भर से ज्यादा गांव के लोगों की दिनचर्या सोहावल से पूरी होती रही है। व्यवसाय से लेकर खरीदारी तक लोगों का आना-जाना इसी क्षेत्र से बना हुआ है। पिछले तीन वर्ष पहले जब से गोण्डा जनपद की ओर जाने वाली संपर्क सड़क कटकर नदी में विलीन हुई है। तब से इन गांव की जिंदगी दांव पर लगी हुई है। आज इनके आवागमन का एक मात्र सहारा तीन स्टीमर बने हुए हैं। जिन्हें गोण्डा पुलिस के रहमोंकरम से ठेकेदार चलवा रहे हैं।
आने जाने वालों से 50 रूपया प्रति बाइक, सवारी, बोरी, सायकिल आदि का जबरन वसूला जाता है। सबसे नजदीकी ब्यौदा निवासी राम सुघर , जगजीवन, राम दयाल, निबरू, जगदीश आदि कहते हैं कि हमेशा हमें मदद सोहावल से ही मिलती रही है। गोण्डा प्रशासन ने कभी हमारी ओर झांका तक नहीं। जो चार गांव आज खतरा महसूस कर रहे है। इनका जीवन भगवान भरोसे है। इनके नौनिहाल बच्चे तक अब अपने स्कूल ढेमवा प्रतिदिन जान जोखिम में डाल कर सीढ़ी के रास्ते ही आ जा रहे हैं। उप-जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। परिस्थितियों का निरीक्षण कर जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।