-25 दिसम्बर 2024 को शिवम् यादव को मिली थी तैनाती

एसडीएम अभिषेक सिंह द्वारा बाल मुडवाने के बाद शिवम यादव की फोटो
सोहावल। तहसील सोहावल में स्टोनो पद पर तैनात शहीद फौजी के बेटे की दुर्घटना में हुई मौत के मामले में जिलाधिकारी ने बड़ी कार्यवाही करते हुये एसडीएम सोहावल रहे अभिषेक सिंह को यहां से हटाकर बीकापुर का उप जिलाधिकारी न्यायिक बनाया गया।राजीव रत्न सिंह को उप जिलाधिकारी सोहावल बनाया गया है।

एसडीएम अभिषेक सिंह
शनिवार की शाम को तहसील सोहावल से वापस जाते समय स्टोनो शिवम् यादव की राष्ट्रीय राजमार्ग लखनऊ-अयोध्या पर कैंट थाना क्षेत्र के सहादतगंज के पास सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी।मौत के बाद नाराज परिजनों ने एस डी एम सोहावल पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुये शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया था।मां और भाई सहित परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद पूर्व मंत्री तेज नारायण पाण्डेय पार्टी कार्यकर्त्ताओं के साथ धरना स्थल पर पहुंचकर कार्यवाही की मांग करने लगे।विभिन्न कर्मचारी संगठनों के कर्मचारी और पदाधिकारी मौके पर पहुँच गये। अधिकारियों की मान मनववल के बाद भी अपनी मांग पर अड़े रहे। रात्रि 2 बजे के बाद जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने मौके पर पहुंचकर परिजनों सहित धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों और मौजूद लोगों को समझा बुझा कर मामले को शांत कराया। और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
जिसके बाद धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ।रविवार को परिजनों ने भारी भीड़ के बीच नम आखों से बैकुंठ धाम अयोध्या में अन्तिम संस्कार कर दिया गया।
लंबे समय बाद प्रशासन बैकफुट पर, एडीएम (भूमि अध्याप्ति) 15 दिन में देंगे जांच रिपोर्ट

शिवम यादव की मौत के बाद धरने पर बैठे सपा नेता
-पहली बार समाजवादी पार्टी के आंदोलन पर जिला प्रशासन बैकफुट पर आया। इससे पहले पार्टी में जितने भी धरना प्रदर्शन व प्रेस वार्ता को उनको हल्के में लिया। सोहावल तहसील में तैनात कनिष्ठ लिपिक शिवम यादव के उत्पीड़न में घिरे उपजिलाधिकारी अभिषेक सिंह की मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं।
बढ़ते विवाद के बाद जिला मजिस्ट्रेट चंद्र विजय सिंह ने तहसील बीकापुर में उपजिलाधिकारी न्यायिक पद पर भेजा गया है। रात में सांसद अवशेशप्रसाद, पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय, अमृत राजपाल आदि जिला चिकित्सालय के सामने धरना शुरू कर देने से जिला मजिस्ट्रेट चंद्र विजय सिंह को मौके पर आकर मजिस्ट्रेट की जांच के आदेश का आश्वासन देना पड़ा तब जाकर रात लगभग 2:00 बजे के बाद ये सभी धरने से उठे। उप जिला अधिकारी अभिषेक सिंह पर लगे आरोपों के विरुद्ध मजिस्ट्रेटी जांच अपर जिलाधिकारी भूमि अध्याप्ति अरुणमणि तिवारी को जिला मजिस्ट्रेट ने सौंपी है।
15 दिन में मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट उनको सौंपना है। शनिवार की देर सायं शिवम यादव की घर लौटते समय सआदतगंज में मौत हो गई। वह रानोपाली का रहने वाला था। पिता राजकुमार यादव सीआरपीएफ में कोबरा कमांडों थे। छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में अप्रैल 2021 को बलिदान हो गया था। तीन पहले ही कलेक्ट्रेट में उसे पिता के बलिदान होने से मृतक आश्रित में नौकरी मिली थी।
उप जिलाधिकारी अभिषेक सिंह पर उत्पीड़न के साथ सबसे गंभीर आरोप अपने कार्यालय के कक्ष में बुलाकर नाई को बुलाकर धार्मिक भावनाओं के विपरीत सिर मुड़वा देने का है। जिला मजिस्ट्रेट के मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश में इसका उल्लेख है। लगभग तीन महीने पहले जिले में एसडीएम पद पर उनकी पहली तैनाती रही। इससे पहले वह मंदिर मजिस्ट्रेट रहे।
मजिस्ट्रेटी जांच से पहली बार उनका सामना हुआ है। शिवम का परिवार उनके विरुद्ध एफआइआर व निलंबन पर अड़ा हुआ है। इससे स्पष्ट है कि मजिस्ट्रेटी जांच में उनके विरुद्ध उसके स्वजन मजबूती से गवाही देंगे। माना जा रहा है कि यह उनके विरुद्ध कार्रवाई का आधार बनेगा। चर्चा है कि परिवार के लोग बाल कटवाने के प्रकरण में राज्य मानवाधिकार आयोग से भी शिकायत करने की तैयारी है। विवादों में बने रहना सभवत: उपजिलाधिकारी का शौक रहा। तीन दिन पहले वह तहसील के मंगलसी गांव में पूर्व प्रधान रामचेत यादव की प्रतिमा लगाने के लिए होने वाले निर्माण सार्वजनिक भूमि पर मिलने की शिकायत के बाद बुलडोजर भेजकर उसे ढहा दिया।
सपा नेता रामचेत यादव पूर्व जिला पंचायत सदस्य व कई बार प्रधान रहे। बिना किसी नोटिस दिए हुए पुलिस टीम को भेजकर ढहाने से नाराज समाजवादी पार्टी के नेताओं ने जिलाधिकारी से मिलकर उनके कार्यशैली की शिकायत की। फिर भी कार्यशैली के अंदाज में उनके कमी नहीं आई।