दिसम्बर 2023 में राम मंदिर का गर्भगृह बनकर हो जाएगा तैयार

by Next Khabar Team
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मंदिर निर्माण का लगभग 30 प्रतिशत का कार्य पूरा

अयोध्या। रामलला का गर्भगृह दिसम्बर 2023 में में बनकर तैयार हो जाएगा। इस दौरान मंदिर में मूर्तियों को रखकर प्राण प्रतिष्ठा भी संपन्न करा ली जाएगी, जिसके बाद श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह में रामलला का दर्शन कर सकेंगे। मंदिर निर्माण का लगभग 30 प्रतिशत का कार्य पूरा हो चुका है। उक्त जानकारी शनिवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जन्मभूमि परिसर में मीडिया कर्मियों को कार्य की प्रगति से रुबरु कराते हुंए अवगत कराया। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही गर्भगृह और उसके चारों ओर का प्लिंथ निर्माण पूरा होगा। राजस्थान के भरतपुर जनपद के बंसी पहाड़पुर क्षेत्र की पहाड़ियों के हल्के गुलाबी रंग के बलूवा नक्काशीदार पत्थरों को इंस्टाल करने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।संपूर्ण मंदिर में लगभग 4.70 लाख घनफुट नक्काशीदार लाल पत्थर लगेंगे। ये पत्थर अयोध्या पहुंचना प्रारंभ हो गए हैं। गर्भगृह में लगने वाले मकराना के सफेद संगमरमर पत्थर की नक्काशी का कार्य प्रगति पर है।

यह पत्थर भी शीघ्र अयोध्या पहुंचना प्रारंभ हो जाएंगे।मंदिर निर्माण स्थल पर उपस्थित रहकर ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने बताया कि अभी मंदिर की प्लिंथ ऊंची करने का कार्य प्रगति पर है। लगभग 52.53 घनफुट आकार के ग्रेनाइट पत्थर के लगभग 17000 ब्लॉक लगेंगे, जो बैंगलोर और तेलंगना की खदानों से आ रहे हैं। प्लिंथ में लगभग 6.37 लाख घनफुट ग्रेनाइट पत्थर लगेगा। इसके पूर्व 1.5 मीटर ऊंचाई की 9000 घनमीटर राफ्ट कंपैक्टेड कंक्रीट 4 मास में डाली गई है। राफ्ट निर्माण का कार्य अक्टूबर 2021 से प्रारंभ किया गया था। आरसीसी और उसके ऊपर राफ्ट दोनों को मिलाकर भावी मंदिर की नींव कहा जाएगा।

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उन्होंने बताया कि मंदिर का क्षेत्रफल लगभग 2.7 एकड़ है। परंतु इसके चारों ओर 8 भूखंड को अपने भीतर समाता हुआ एक आयताकार परकोटा बनेगा। यह परकोटा भी 9 लाख घनफुट पत्थरों से तैयार होगा। इस पर भी समानांतर कार्य चल रहा है। मंदिर के चारों ओर की मिट्टी का कटान रोकने के लिए तथा मंदिर के पश्चिम में प्रवाहित सरयू नदी के किसी भी संभावित कटान को रोकने के लिए मंदिर के पश्चिम दक्षिण उत्तर में रिटेनिंग वाल निर्माण का कार्य भी साथ-साथ चल रहा है। यह रिटेनिंग वाल जमीन में 16 मीटर गहराई तक जाएगी और जमीन के सबसे निचले तल पर 12 मीटर चौड़ी होगी।

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