-राम मंदिर में ध्वजारोहण से पहले अयोध्या को मिली बड़ी सौगात, अयोध्या बाईपास पर एनएच 27 पर वाहन अंडरपास का निर्माण पूरा
अयोध्या। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हमेशा से आम जनता की छोटी-छोटी परेशानियों को गंभीरता से लिया है। इसका ताजा उदाहरण अयोध्या बाईपास पर राष्ट्रीय राजमार्ग-27 पर बनाया गया नया वाहन अंडरपास है। राम मंदिर में ध्वजारोहण से पहले एक बड़ी सौगात मिल गई है। करीब 21 करोड़ रुपये की लागत से बना यह अंडरपास अब पूरी तरह तैयार हो चुका है। वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। जल्द ही इसके संचालन की अधिकृत घोषणा की जाएगी।
इसके निर्माण से लखनऊ से गोरखपुर जाने वाली बसों को अयोध्या धाम बस अड्डे जाने के लिए बड़ी सहूलियत मिल जाएगी। इसके साथ ही हजारों यात्री और स्थानीय लोग पहले की तुलना में बहुत आसानी से और सुरक्षित तरीके से आवागमन कर सकेंगे।भारतमाला परियोजना के तहत एनएचएआई द्वारा कराए जा रहे अयोध्या बाईपास के सुधार एवं पुनर्वास कार्य के दौरान किमी 137.100 पर यह वाहन अंडरपास (वीयूपी) बनाया गया है। यह स्थान महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय के ठीक पास है। निर्माण कार्य मेसर्स हार्दिक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ईपीसी मोड में पूरा किया है। वर्तमान में केवल फिनिशिंग का काम बाकी है, जिसे जल्द पूरा कर अंडरपास को पूर्ण रूप से चालू कर दिया जाएगा।
इस अंडरपास के साथ-साथ दो पैदल अंडरपास (पीयूपी), एक बॉक्स कल्वर्ट और एक माइनर ब्रिज भी बनाए गए हैं। इन संरचनाओं से ग्रामीण और शहरी दोनों तरह के यातायात को सुरक्षित रास्ता मिल गया है। खास तौर पर कृषि वाहन, ट्रैक्टर-ट्रॉली, दोपहिया वाहन, रेहड़ी-ठेले और धीमी गति से चलने वाले वाहनों के लिए अब मुख्य राजमार्ग पर क्रॉस करने की मजबूरी खत्म हो गई है। पहले इस जगह पर कई ओडीआर (अन्य जिला सड़कें) और ग्रामीण सड़कें एनएच-27 को काटती थीं। तेज रफ्तार वाहनों और स्थानीय वाहनों के मिश्रण से आए दिन जाम लगता था और दुर्घटनाएं होती थीं। अब तेज गति वाले वाहन मुख्य कैरिजवे पर निर्बाध रूप से दौड़ सकेंगे, जबकि स्थानीय और धीमी गति के वाहन अंडरपास के जरिए सुरक्षित निकल जाएंगे। इससे न केवल दुर्घटनाओं में भारी कमी आएगी बल्कि यात्रियों का समय भी बचेगा।
पैदल यात्रियों को भी नहीं उठाना पड़ेगा जोखिम
पैदल यात्रियों के लिए भी अब मुख्य सड़क पर जोखिम भरा क्रॉसिंग करना नहीं पड़ेगा। दो अलग-अलग पैदल अंडरपास बनने से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग पूरी सुरक्षा के साथ एक छोर से दूसरे छोर तक जा सकेंगे। जंक्शन पर लंबा इंतजार, बार-बार रुकना और ईंधन की बर्बादी अब इतिहास हो जाएगी। इससे वाहनों की औसत गति बढ़ेगी और ईंधन बचत के साथ-साथ वायु एवं ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आएगी। इस परियोजना का सबसे बड़ा लाभ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा।आसपास के गांवों से कृषि उत्पाद, दूध, सब्जियां और अन्य माल अब तेजी से बाजार तक पहुंच सकेगा।छोटे-मोटे उद्योगों और बाजारों की कनेक्टिविटी मजबूत होने से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
विकास में मील का पत्थर साबित होगा : जिलाधिकारी
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि फिनिशिंग कार्य तेजी से चल रहा है। कुछ ही दिनों में सभी काम पूरे कर यह वाहन अंडरपास और पैदल अंडरपास जनता को समर्पित कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी बल्कि अयोध्या को विकसित भारत के नक्शे पर और मजबूती से स्थापित करेगी। योगी सरकार की हर जंक्शन-हर क्रॉसिंग सुरक्षित की नीति का यह जीता-जागता प्रमाण है।अयोध्या बाईपास पर बना यह नया अंडरपास हजारों लोगों की दैनिक यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाने के साथ-साथ क्षेत्र के समग्र विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
सुरक्षित सफर प्रदान करना ही उद्देश्य: अवनीत
परियोजना निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, पीआईयू अयोध्या के अवनीत सिद्धार्थ ने बताया कि हम अयोध्या में लगातार कार्य करा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि सभी को एक सुरक्षित सफर प्रदान करें। इसी दिशा में काम करते हुए अंडरपास का निर्माण कराया गया हैं।