महत्वपूर्ण है लेखक संगठनों की भूमिका : प्रो. नलिन रंजन

by Next Khabar Team
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-जनवादी लेखक संघ की राज्य परिषद् बैठक व ‘जनपद की कविता : गोरखपुर’ कार्यक्रम का आयोजन सम्पन्न

अयोध्या। जनवादी लेखक संघ, उत्तर प्रदेश की राज्य परिषद् की बैठक और ‘जनपद की कविताः गोरखपुर’ कार्यक्रम का आयोजन प्रेस क्लब, फै़ज़ाबाद में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर पूरे प्रदेश से आए प्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में कवियों, लेखकों और साहित्य-संस्कृति कर्मियों की प्रतिभागिता रही। बैठक को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय महासचिव प्रो. नलिन रंजन सिंह ने कहा कि विचार के लिए इस संकटपूर्ण समय में प्रतिबद्ध लेखक संगठनों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है।

उन्होंने यह ज़रूरत जताई कि उर्दू-हिन्दी के लेखकों के साझा प्रयास से ही उस सामाजिक सौहार्द को संजोए रखा जा सकता है, जो हमारी साझा विरासत का प्रतीक है। उन्होंने जनवादी लेखक संघ के इतिहास और उसकी मौजूदा सक्रियता के साथ देशव्यापी कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। बैठक में ज्ञानप्रकाश चौबे को जनवादी लेखक संघ का कार्यवाहक सचिव चुना गया और उपसचिवों के कार्यभार का बंटवारा किया गया। इसके साथ ही सदस्यता विस्तार, विभिन्न इकाइयों के जिला सम्मेलन, स्थापना दिवस के आयोजन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी बैठक में निर्णय लिए गये।

वाराणसी से आए जनवादी लेखक संघ, उ.प्र. के उपाध्यक्ष डॉ. एम. पी. सिंह ने कहा कि साहित्य-संस्कृति के क्षेत्र में छाए कुहासे को दूर करने का काम प्रतिबद्ध लेखक संगठनों के माध्यम से ही किया जा सकता है। कानपुर से आईं जनवादी लेखक संघ, उ.प्र. की उपाध्यक्ष अनीता मिश्रा ने कहा कि जलेस वैचारिक कार्यक्रमों का निरंतर आयोजन कर रहा है, जो वर्तमान परिदृश्य में बेहद ज़रूरी है।

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फै़ज़ाबाद इकाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए डॉ. विशाल श्रीवास्तव ने कहा कि इस शहर ने लम्बे अरसे से अपनी गंगा-जमुनी तहज़ीब और सहिष्णुता को बनाये रखा है। राजनैतिक रूप से भी यह शहर प्रगतिशीलता के प्रति गहरे रुझान को प्रदर्शित करता रहा है। उन्होंने फै़ज़ाबाद इकाई द्वारा निरंतर किए जा रहे वैचारिक और रचनात्मक कार्यक्रमों के बारे में सदस्यों को अवगत कराया। इस अवसर पर फर्रूखाबाद से आए सुनील कटियार, इटावा से बलवीर पाल, बलिया से अजय कुमार पाण्डेय, आज़मगढ़ से अजय कुमार गौतम, लखनऊ से शालिनी सिंह, गोरखपुर से वेदप्रकाश, सुल्तानपुर से रेनू सिंह ने अपनी इकाइयों से सचिव की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में ‘जनपद की कविता’ शृंखला के अंतर्गत गोरखपुर से आए कवियों का कविता-पाठ आयोजित हुआ। वरिष्ठ कवि स्वप्निल श्रीवास्तव ने कविता-सत्र की अध्यक्षता करते हुए गोरखपुर से आए हुए कवियों की सराहना की। उन्होंने प्रसिद्ध आलोचक परमानंद श्रीवास्तव, कवि देवेन्द्र कुमार बंगाली और सुरेन्द्र काले को याद करते हुए गोरखपुर से समृद्ध साहित्यिक वातावरण की चर्चा की। इस सत्र में वरिष्ठ कवि प्रमोद कुमार, गोरखपुर इकाई के सचिव वेदप्रकाश, जयप्रकाश मल्ल, विनय मितवा और विनय अज़ीज़ ने अपनी कई कविताओं का पाठ किया। इन कविताओं की वैचारिक अंतर्वस्तु और शिल्प की सभी श्रोताओं ने प्रशंसा की।

कविता-सत्र का संचालन फै़ज़ाबाद इकाई के कोषाध्यक्ष और कार्यवाहक सचिव मुज़म्मिल फिदा ने किया। आमंत्रित कवियों और अतिथियों को फै़ज़ाबाद इकाई की ओर से अध्यक्ष मो. ज़फर, डॉ. नीरज सिन्हा ‘नीर’, विनीता कुशवाहा, अखिलेश सिंह, ओमप्रकाश रोशन, बृजेश श्रीवास्तव, इल्तिफात माहिर, पूजा श्रीवास्तव, मांडवी सिंह मो. शफीक़, और रवीन्द्र कबीर ने स्मृति-चिह्न भेंट किया। वरिष्ठ शायर और फै़ज़ाबाद इकाई के संरक्षक एडवोकेट रामजीत यादव ‘बेदार’ ने अपनी पुस्तक ‘जलते सवालों तक’ अतिथियों को भेंट की।

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धन्यवाद ज्ञापन करते हुए संयोजक सत्यभान सिंह जनवादी ने कहा कि लेखक संगठन समाज को दिशा दिखाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि फै़ज़ाबाद में हो रही इस बैठक में लिए गए निर्णय संगठन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होंगे। कार्यक्रम में लखनऊ से लेखिका समीना खान और नाइश हसन, आज़मगढ़ से अरुण कुमार मौर्य सहित फै़ज़ाबाद से वरिष्ठ कवि-चिंतक आर. डी. आनन्द, वरिष्ठ कवि आशाराम जागरथ, रामजीत यादव ‘बेदार’, सीबी भारती, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, डॉ. कुमकुम भाग्या,अखिलेश,संदीप सिंह, साधना सिंह,परेश पाण्डेय, कथाकार नीतू मुकुल, रामदुलारे बौद्ध, घनश्याम, वाहिद अली, महावीर पाल सहित बड़ी संख्या में साहित्य-संस्कृति कर्मियों की उपस्थिति रही।

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