गमजदा माहौल में निकाला गया जुलूसे अजा
अयोध्या। दीने इस्लाम अमन व सलामती का मजहब है फसाद किसी भी सतह पर हो इस्लाम का मेराज उसे बर्दाश्त नहीं करता। खुदाबंद करीम ने जितने पैगम्बर और जितनी आसमानी किताबें अल्लाह की जानिब से आयीं उन सब ने हर दौर में इंसानों को ताकीर किया कि अदल व इंसाफ की राह अख्तियार करें और जुल्म की हर तरह मजम्मत करें। यह विचार मौलाना सैय्यद अली आब्दी ने अयामे अजा के आखिरी दिन आयोति मजलिस को खिताब करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि कर्बला की जंग यजीदी जुल्मो सितम के खिलाफ एक बेमिसाल वाकया है जिसके जरिये नवासे रसूल मजलूमे कर्बला यह बताना चाहते हैं कि दीने इलाही दुनिया में अदली इंसाफ के लिए आया है । हुसैल इब्नेअली ने अपनी चंद हक परस्त साथियों के साथ बेमिसाल कुर्बानी पेश करके बातिल के मुकाबले में वाजेह फतेह हांसिल किया।
इसके बाद अंजुमन असगरिया ने जुलूसे अजा निकाला। जुलूस की निजामत शबीह मोहम्मद रिजवी ने किया। इस मौके पर गाजी अब्बास जैदी, डा. मोहम्मद इरफान, डा. सईद अख्तर आदि मौजूद रहे।