-विश्व हिन्दी दिवस पर विचार गोष्ठी व कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
अयोध्या। विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर हिन्दी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान व सांस्कृतिक परिषद का0 सु0 साकेत के संयुक्त तत्वावधान में साकेत महाविद्यालय के राजा जगदम्बिका प्रताप नारायण सिंह सभागार में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राजभाषा हिन्दी, राष्ट्रभाष की राह पर विषयक विचार गोष्ठी के साथ-साथ बृहद कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह भी सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कप्तानगंज बस्ती के विधायक चन्द्रप्रकाश शुक्ला ने समारोह का सम्बोधित करते हुये कहा कि हिन्दी तो पहले से ही भारतीय जनमानस में राष्ट्रभाषा बन चुकी है। अब इसे वैश्विक संपर्क एवं संवाद की भाषा बनाने का अभियान चल रहा है, जिसे सरकार के प्रयासों से अपेक्षित सफलता भी मिल रही है, उन्होंने हिन्दी को हिन्दुस्तान के माथे की बिन्दी और भारतीय संस्कृति का आधार बताते हुये कहा कि मातृभाषा हिन्दी हमारी अभिव्यक्ति, आकांक्षा एवं चेतना का माध्यम है, जिसकी उपेक्षा का अर्थ है, अपने सम्पूर्ण अस्तित्व को ही उपेक्षित कर देना। विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद डॉ0 निर्मल खत्री ने कहा कि हिन्दी दुनिया की मात्र एक भाषा है, जिसमें जो कुछ भी लिखा जाता है, वही बोला व पढ़ा भी जाता है। गोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर प्रख्यात वेद भाष्यकार डॉ0 देवीसहाय पाण्डेय दीप, विशिष्ट अतिथि बृजमोहन दास, समाजसेवी दीपिका सिंह, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की उपनिदेशक अनुपमा मौर्य, सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ0 प्रणय कुमार त्रिपाठी, हिन्दी प्रचार प्रसार सेवा संस्थान की राष्ट्रीय सचिव डॉ0 शशि मौर्य सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भी अपने उद्गार व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार मौर्य एवं संचालन राष्ट्रीय महामंत्री डॉ0 सम्राट अशोक मौर्य ने किया। समारोह के बीच मंचस्थ अतिथियों द्वारा तारकेश्वर मिश्र जिज्ञासु के द्वितीय काव्यसंग्रह ‘मन का आंगन’ का विमोचन भी किया गया। समारोह के दूसरे सत्र में आशुकवि अशोक टाटम्बरी के संयोजन एवं संचालन में कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ, जिसमें भानु प्रताप सिंह भयंकर, भगीरथ अनुपम, रामानन्द सागर, सत्यनारायण मौर्य, रामअछैवर मौर्य, मनीष मौर्य, शलभजीत, देशराज क्रांति, लक्ष्मी सोनी, कात्यायनी उपाध्याय, पूनम सिंह, सुकृति तिवारी, बाबूराम तिवारी अश्क, स्वदेश रश्मि, कल्याण गोंडवी, जेपी0 गुप्ता राजेश नंद, अपूर्वा शुक्ला आदि लगभग दो दर्जन कवियों ने अपनी रचनायें प्रस्तुत कर उपस्थित साहित्यप्रेमियों को आह्लादित किया। प्रमुख रूप से उपस्थित रहने वालों में दिनेश सिंह, विंध्यवासिनी शरण पाण्डिया, पवन पाण्डेय, डॉ0 उपेन्द्रमणि त्रिपाठी, अनिरूद्ध शुक्ला, अजय कुमार मौर्य, डॉ. सोनी शर्मा, चक्रवर्ती मौर्य आदि रहे।